- मुलायम की लिस्ट के कई नामों को लेकर फंसा पेंच

- दस से ज्यादा नेताओं को अखिलेश खेमा नहीं देगा टिकट

- लिस्ट में शिवपाल का भी नाम, लोक दल फिर सुर्खियों में

LUCKNOW: सपा में मुलायम और अखिलेश गुट के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पहल फिर खटाई में पड़ती नजर आने लगी है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को अखिलेश यादव को जिन 38 नामों की लिस्ट सौंपी थी, उनमें से तमाम को अखिलेश टिकट देने को राजी नहीं हैं। खासकर उन नेताओं के नाम सिरे से नकार दिए गये हैं जिनकी छवि अच्छी नहीं है अथवा पार्टी में कलह के दौरान जिन्होंने अखिलेश का जमकर विरोध किया था। जानकारों के अनुसार, ऐसे करीब एक दर्जन नाम हैं जिन पर अखिलेश तैयार नहीं हैं। मुलायम सिप की सौंपी गई लिस्ट में शिवपाल सिंह यादव का नाम होने के संकेत भी मिले हैं हालांकि यह साफ नहीं हो सका कि अखिलेश उन्हें चुनाव लड़ाने को तैयार हैं िक नहीं।

कुछ नाम तो सिरे से खारिज

पार्टी सूत्रों की मानें तो मुलायम की लिस्ट के कुछ नाम तो सिरे से खारिज कर दिए गये हैं। इनमें खासकर एटा के आशीष कुमार यादव, बदायूं के आबिद रजा, अंबिका चौधरी, रामपाल यादव, अमनमणि त्रिपाठी, अतीक अहमद, संदीप शुक्ला, शारदा प्रताप शुक्ला आदि शामिल हैं। कौमी एकता दल के सिगबतुल्लाह अंसारी को टिकट देने पर मंथन जारी है। माना जा रहा है कि उनके नाम पर सहमति बन सकती है क्योंकि उन्होंने विधायकों की बैठक में आकर अखिलेश को समर्थन देने के संकेत दिए थे। वहीं आशीष कुमार यादव की जगह अखिलेश ने एटा सीट से जोंगेंद्र यादव को टिकट दिया था जिन्होंने बुधवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। कुछ सीटें ऐसी भी हैं जो कांग्रेस के खाते में जानी हैं, इन हालात में उन पर टिकट का आश्वसान नहीं दिया जाएगा।

अखिलेश की लिस्ट में भी छंटनी संभव

यह संकेत भी मिले है कि अखिलेश ने अपनी लिस्ट में जिन्हें टिकट दिया था उनमें से भी कई विवादित नाम हटाए जा सकते है। दरअसल अखिलेश यादव अब नये सिरे से टिकटों का निर्धारण कर रहे हैं। कांग्रेस से गठबंधन के बाद बदले समीकरणों में कई ऐसे विधायकों और मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं जो विवादों में घिरे रहे हैं। पार्टी किसी भी सूरत में कमजोर उम्मीदवार को टिकट देने के मूड में नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि ऐसे तकरीबन बीस नाम सूची से हट सकते है। वहीं दोबारा सरकार बनाने की कोशिश में जुटे अखिलेश अब साफ छवि वाले नेताओं को ही टिकट देने की रणनीति बना रहे हैं ताकि जनता के बीच यह संदेश दिया जा सके कि उनके नेतृत्व में सपा किसी दागी को बढ़ावा नहीं देगी।

टिकट का विरोध भी शुरू

अखिलेश खेमे की यह चिंता बेवजह नहीं है। बुधवार को सपा विधायक मनोज पारस को टिकट दिए जाने का विरोध मुख्यमंत्री आवास पर हुआ। मनोज पारस पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने वहां जाकर अपना विरोध दर्ज कराया। इसे ध्यान में रखते हुए पांच साल के दौरान सरकार की छवि खराब करने वाले नेताओं का टिकट खतरे में पड़ता दिख रहा है।