- दोनों को थी हत्या की जानकारी, मुनीर को भड़काया भी था

- मुनीर के गैंग के दो सदस्य अंबेडकरनगर के रहने वाले

- स्थानीय राजनेता पर शरण देने का गहरा रहा शक

LUCKNOW: एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या के मामले में बिजनौर पुलिस ने दो अन्य आरोपितों तंजीम और रिजवान को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर आरोप है कि उन्हें तंजील पर हमला होने की जानकारी पहले से थी। साथ ही, दोनों ने मुनीर को भड़काया था कि तंजील की शिकायत पर ही पुलिस उसके पीछे पड़ी है। इसके बाद मुनीर ने तंजील को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। दोनों को पता था कि मुनीर जल्द ही तंजील को ठिकाने लगा देगा। वहीं, दूसरी ओर एसटीएफ को मुनीर के गिरोह के दो सदस्यों के बारे में भी पता चला है। दोनों अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं।

लूट की वारदात में था शामिल

अंबेडकरनगर स्थित टांडा निवासी सऊद पुत्र असद व एनटीपीसी निवासी मुजम्मिल पुत्र सैयद पिछले कई बरसों से मुनीर के लिए काम कर रहे हैं। एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक सऊद बिजनौर के धामपुर में पिछले साल लूटे गये करेंसी चेस्ट की घटना में भी शामिल था। इसके बाद से वह फरार है। वहीं अंबेडकरनगर के एक बाहुबली राजनेता पर भी एसटीएफ को शक है कि वह मुनीर, सऊद और मुजम्मिल को संरक्षण देता रहा है। आशंका है कि उसने ही मुनीर को फरार होने में मदद की है। फिलहाल यूपी पुलिस द्वारा मुनीर के खिलाफ जारी किए गये लुक आउट नोटिस का भी कोई नतीजा नहीं निकला है। तमाम जगहों पर छापेमारी के बावजूद उसका पता नहीं चल सका है।

जांच से एनआईए संतुष्ट

अपने अफसर की हत्या के मामले की जांच में एनआईए फिलहाल हस्तक्षेप नहीं कर रही है। हालांकि, जांच एजेंसी का मानना है कि पुलिस की विवेचना सही दिशा में चल रही है। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'आई नेक्स्ट' से कहा कि यूपी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। मुनीर की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस यदि हमसे मदद मांगती है तो एनआईए आगे कदम बढ़ाएगी। वहीं मुनीर की गिरफ्तारी न होने की सूरत में केस टेकओवर करने पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय गृह मंत्रालय के स्तर से लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने माना कि पुलिस ने मामले की सही विवेचना की है।

हत्या के मेन मोटिव की तलाश

तंजील अहमद की हत्या की भले ही यूपी पुलिस ने तमाम वजहें बताई हों लेकिन अभी भी मेन मोटिव की पुलिस को तलाश है। यह सवाल अब भी ताजा है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह थी कि मुनीर ने तंजील को इतनी बेदर्दी से मारा। मुनीर ने जब चौथी गोली मारने के बाद यह पुख्ता कर लिया कि तंजील मर चुका है तो फिर ताबड़तोड़ तमाम गोलियां उस पर दागने की वजह क्या थी? आखिर ऐसा कौन सा मामला था जिसने दोनों के बीच अचानक इतनी नफरत पैदा कर दी जबकि कई मौकों पर तंजील ने मुनीर की काफी मदद भी की थी।