लखनऊ (ब्यूरो)। शराब की लत छोडऩे में अब एसजीपीजीआई आपकी मदद करेगा। यहां वैज्ञानिक तरीके से अल्कोहल पर धीरे-धीरे निर्भरता खत्म की जाएगी। प्रदेश की इस पहली अल्कोहल यूज डिस्आर्डर क्लीनिक की शुरुआत सोमवार से हुई है। यहां हेपटोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिस्ट मिलकर मरीजों की मदद करेंगे।

अल्कोहल डिपेंडेंस बड़ी समस्या

अल्कोहल के नियमित सेवन से लिवर सिरोसिस होता है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग अल्कोहल का सेवन करते है। वो ऐसी स्थिति विकसित कर लेते हैं जिसे अल्कोहल डिपेंडेंसी कहा जाता है। देश की करीब चार फीसद आबादी अल्कोहल पर निर्भर है। इसी समस्या को देखते हुए पीजीआई में एयूडीसी क्लीनिक की शुरुआत की गई है। इस क्लीनिक में मरीजों को हेपेटोलॉजिस्ट के साथ साइकियाट्रिस्ट द्वारा काउंसलिंग, मेडिसिन और नशा मुक्ति सेवाओं के रूप में संयुक्त रूप से चिकित्सा सेवा दी जाएगी। यह क्लीनिक हर सोमवार को हेपेटोलॉजी ओपीडी में चलेगी।

बढ़ रहा अल्कोहल यूज डिस्आर्डर

संस्थान के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि लोगों में अल्कोहल यूज डिस्आर्डर बढ़ता जा रहा है। जिससे अल्कोहल पर डिपेंडेंसी बढ़ती जा रही है। ऐसे लोग मानसिक रूप से मजबूत नहीं हो पा रहे हैं। उनमें लिवर, हार्ट और पेट की बीमारियों की समस्या होने लगती है। किडनी फेल होने का भी खतरा रहता है। करीब 20 फीसद लोग तो ऐसे होते हैं जो ट्रांसप्लांट और लिवर सिरोसिस से ठीक होने के बाद फिर शराब का सेवन करने लगते हैं।

रिवर्स करना बेहद जरूरी

प्रो। धीमन के मुताबिक, क्रोनिक लिवर समस्या वाले मरीजों में एक-तिहाई मरीज वे होते हैं जो अल्कोहल का अत्यधिक सेवन करते हैं। ऐसे मरीजों में आर्गन फेल्योर की आशंका बढ़ जाती है। इसे देखते हुए अल्कोहल डिपेंडेंसी को रिवर्स करना जरूरी है। अभी तक इसके लिए ऐसी कोई मैकेनिज्म नहीं थी लेकिन, अब साइंटिफिक तरीके से इसे रिवर्स करने का काम किया जाएगा। एक्सपर्ट द्वारा काउंसिलिंग और मेडिसिन उपलब्ध कराई जाएगी।

दूसरे डिपार्टमेंट से भी हो सकेंगे रेफर

साइकियाट्रिस्ट डॉ। रोमिला सैनी ने बताया कि क्लीनिक में काउंसलिंग का काम किया जाएगा। जिसमें मरीज संग परिजनों को शामिल किया जाएगा। ताकि परिजन मरीज को शराब छोडऩे के लिए पे्ररित कर सकें। मरीज जब शराब छोड़ देगा तो शारीरिक और व्यावहारिक रूप में होने वाले बदलावों का उपचार दवाओं से किया जाएगा। मरीज को समय-समय पर फॉलोअप के लिए भी बुलाया जाएगा। एक्सरसाइज और योगा से भी मरीज को मानसिक रूप से मजबूत किया जाएगा।

अल्कोहल डिपेंडेंसी दूर करने के लिए स्पेशल क्लीनिक की शुरुआत की गई है। जहां हेपेटोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिस्ट मिलकर मरीज का ट्रीटमेंट करेंगे।

- प्रो। आरके धीमन, निदेशक संजय गांधी पीजीआई