लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली कंपनियों की ओर से घरेलू शहरी बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का करंट मारने की तैयारी की गई है। कंपनियों की ओर से सोमवार को नियामक आयोग में बिजली दर वृद्धि संबंधी जो प्रस्ताव दाखिल किया गया है, उससे साफ है कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दरों में 18 से 23 प्रतिशत तक वृद्धि किए जाने की तैयारी है। प्रस्ताव में यह भी साफ है कि फिक्स चार्ज को भी बढ़ाया जा रहा है। कुल मिलाकर उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली की दोहरी मार पड़ेगी।

उद्योगों की दरों में 16 प्रतिशत वृद्धि

प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों ने वर्ष 2023-24 के लिये जहां औसत 15.85 प्रतिशत वृद्धि करने का मन बनाया है, वहीं सबसे ज्यादा घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दरों में 18 से 23 प्रतिशत वृद्धि करने की तैयारी की गई है। उद्योगों की 16 प्रतिशत, कॉमर्शियल की 12 प्रतिशत तथा कृषि सेक्टर की 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि संबंधी प्रस्ताव दिया गया है। बिजली कंपनियों ने घरेलू लाइफ लाइन को भी नहीं बख्शा और उनकी दरों में भी 17 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।

सात प्रतिशत तक की कमी हो

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य विनोद कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर एक लोक महत्व याचिका दाखिल करते हुये कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का कुल 25133 करोड़ सरप्लस निकल रहा है, ऐसे में बिजली दरों में एकमुश्त 35 प्रतिशत अथवा अगले 5 वर्षों तक 7 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष कमी की जाये तब प्रदेश के उपभोक्ताओं का हिसाब बराबर होगा।

वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल

सभी बिजली कंपनियों की तरफ से वार्षिक राजस्व आवश्यकता वर्ष 2023-24 दाखिल कर दी गई है। जिसमें घरेलू उपभोक्तओं की बिजली दरों में लगभग 18 से 23 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित है। सभी बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता लगभग 92547 करोड़ है वहीं वितरण हानियां 14.9 प्रतिशत हैं और वर्ष 2023-24 का गैप 9140 करोड़ है।

ऐसा है दर वृद्धि का प्रस्ताव

कैटेगरी घरेलू शहरी वर्तमान फिक्स चार्ज (रु) वर्तमान एनर्जी चार्ज (रु) प्रस्तावित फिक्स चार्ज (रु) प्रस्तावित एनर्जी चार्ज (रु)

लाइफ लाइन घरेलू 100 यूनिट ( 50) 3.00 प्रति यूनिट 55 3.50 प्रति यूनिट

0 से 100 यूनिट 110 5.50 प्रति यूनिट 120 6.50 प्रति यूनिट

101 से 150 यूनिट 110 5.50 प्रति यूनिट 120 6.50 प्रति यूनिट

151 से 300 यूनिट 110 6.00 प्रति यूनिट 120 7.00 प्रति यूनिट

300 से ऊपर 110 6.50 प्रति यूनिट 120 8.00 प्रति यूनिट

आयोग में होगा खुलासा

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अभी विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल प्रस्ताव पर डिफीसेंसी नोट तैयार करेगा। उसमें खुद आयोग के सामने यह खुलासा हो जायेगा कि किस प्रकार से बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर भार डालने की कोशिश की है। बिजली कंपनियों ने उद्योगों की बिजली दरों में भी 16 प्रतिशत तक वृद्धि प्रस्तावित की है। सबसे बड़ा सवाल है कि उप्र के घरेलूू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में भारी वृद्धि प्रस्तावित करना उचित नहीं है।