- 3695 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में सीबीआई ने किया है अरेस्ट

- एक दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया था लखनऊ

LUCKNOW :

रोटोमैक कंपनी के एमडी विक्रम कोठारी और बेटे राहुल कोठारी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 11 दिनों की सीबीआई कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है। गौरतलब है कि कोठारी पिता-पुत्र को गुरुवार को सीबीआई ने अरेस्ट किया था। उन दोनों को सीबीआई शनिवार को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली से लखनऊ पहुंची थी और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। उन दोनों पर विभिन्न बैंकों के 3695 करोड़ रुपये न चुकाने आरोप है।

बचाव पक्ष ने की आपत्ति

बचाव पक्ष की ओर से पहली आपत्ति की गई कि प्रकरण विशेष न्यायालय द्वारा परीक्षणीय नहीं है, लिहाजा क्षेत्राधिकार के अभाव में न्यायिक अभिरक्षा रिमांड स्वीकृत न की जाए। अदालत के समक्ष दूसरी आपत्ति यह की गई कि अभियुक्त विक्रम कोठारी एवं राहुल कोठारी प्राइवेट व्यक्ति हैं तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में कोई लोक सेवक अभियुक्त नहीं है और न ही इस मामले में अभी तक कोई लोक सेवक अभियुक्त बनाया गया है। ऐसे में धारा तीन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत न्यायालय को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। वहीं सीबीआई की ओर से कहा गया कि प्रकरण कानपुर जनपद का है, जिसका क्षेत्राधिकार इस न्यायालय को है। इसके अलावा इस मामले में कई बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके बारे में विवेचना चल रही है और विवेचना के पश्चात उनका नाम प्रकाश में आने के बाद उनके संबंध में आपेक्षित कार्यवाही की जाएगी। स्पेशल जज(सीबीआई) एमपी चौधरी ने बचाव पक्ष की तमाम दलीलें ठुकरा दीं। इसके बाद दोनों आरोपियों की 11 दिनों के लिए सीबीआई कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया।

यह है मामला

सीबीआई के मुताबिक, रोटोमैक कंपनी के विक्रम कोठारी समेत तीन डायरेक्टर्स जिसमें उनका बेटा राहुल व पत्‍‌नी साधना शामिल हैं, ने सात बैंकों के कॉन्सर्टियम को धोखा दिया और बेईमानी से 2919.29 करोड़ रुपये का लोन ले लिया। लेकिन, उसे चुकता नहीं किया। लोन की यह रकम ब्याज जोड़कर 3695 करोड़ रुपये हो चुकी है। सीबीआई की जांच में सामने आया कि निर्यात और आयात के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोठारी पिता-पुत्र ने यह लोन लिया और असली आयात-निर्यात के बजाय शेल कंपनियों के मार्फत रकम को इधर-उधर करते रहे। प्रवर्तन निदेशालय ने विक्रम कोठारी और उनके परिजनों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी। इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा से शिकायत मिलने पर सीबीआई ने विक्रम कोठारी, बेटे पत्नी साधना और बेटे राहुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। कोठारी के घर, दफ्तर के अलावा परिवारीजनों के नाम से विभिन्न बैंक लॉकरों व कोटक महिंद्रा बैंक में गहन पड़ताल की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय के आदेश पर कोटक महिंद्रा बैंक में विक्रम और रोटोमैक के चालू खातों से रकम निकासी पर रोक लगा दी गई थी। इसके अलावा इनकम टैक्स विभाग के आदेश पर रोटोमैक ग्रुप के सभी बैंक खातों को सीज कर दिया था।