- वसीम रिजवी के खिलाफ लामबंद हुए उलेमा

LUCKNOW: वसीम रिजवी की कुरआन से 26 आयतों को हटाने के बयान और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका के खिलाफ रविवार को बड़े इमामबाड़े पर एक विरोध रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में बड़ी संख्या में शिया एवं सुन्नी उलेमा और विद्वानों ने शिरकत की और वसीम रिजवी को इस्लाम और कुरआन का दुश्मन और आतंकवादी करार देते हुए उनके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की और उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की।

बयान की निंदा की

रैली में विशिष्ट अतिथि शैख-उल-हदीस हजरत मौलाना सैयद सलमान हसनी नदवी ने कहा कि कि हम बाद में शिया और सुन्नी हैं। पहले हम कुरान और सुन्नत के अनुसार एक उम्मत हैं। हम वसीम रिजवी के बयान की निंदा करते हैं। वहीं, संयोजक मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि जब तक हम वसीम को जेल नहीं भिजवाते हमारा विरोध जारी रहेगा। आज भी कुछ मौलवी जाहिर में तो उसकी निंदा कर रहे हैं लेकिन अंदर से उसके हामी हैं। ऐसे मौलवियों का भी बहिष्कार आवश्यक है।

19 मार्च को दिल्ली में रैली

मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि 19 मार्च जुमा के दिन दिल्ली जामा मस्जिद पर नमाजे जुमे के बाद शिया और सुन्नी संयुक्त विरोध रैली करेंगे। इस दौरान मौलाना फजले मन्नान, मौलाना इमरान सिद्दीकी, मौलाना हसनैन बकाई, मौलाना बाबर अशरफ और अन्य ओलमा ने भी वसीम रिजवी के बयान की निंदा करते हुए उनके सामाजिक बहिष्कार का एलान किया।

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यह रखी मांग

रैली के दौरान भारत सरकार से वसीम रिजवी को तुरंत गिरफ्तार करने, किसी भी मुस्लिम संगठन और बोर्ड का सदस्य नहीं बनाने, रिजवी और उसके साथियों का सामाजिक बहिष्कार और उसे अपनी किसी मजलिस, महफिल, शादी और अन्य समारोहों में शामिल न होने देने की अपील की गई।