लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट हादसे के बाद एलडीए प्रशासन की ओर से बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। यह कदम एक तरफ तो स्ट्रक्चर ऑडिट से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ उन बिल्डर्स पर भी शिकंजा कसा गया है, जो बहुमंजिला इमारतें तैयार करते हैैं। अब उन सभी बिल्डर्स को नक्शा पास कराते समय प्राधिकरण को बताना होगा कि उनकी इमारत की मजबूती कितने साल तक की है। इसके आधार पर प्राधिकरण में हर एक बहुमंजिला इमारत की अलग से स्ट्रक्चर मजबूती संबंधी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। इन बहुमंजिला इमारतों में आवासीय और कॉमर्शियल, दोनों तरह के प्रोजेक्ट्स शामिल किए जाएंगे। जिससे सभी बिल्डिंग्स की मजबूती को परखा जा सके।

15 मीटर या उससे ऊंची इमारतें

एलडीए की ओर से पहले चरण में 15 मीटर या उससे ऊंची इमारतों पर फोकस किया जा रहा है। जो कार्ययोजना तैयार की गई है, उससे साफ है कि बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चर को मजबूत तैयार किया जाना है। इसके लिए पहले तो हर पांच साल में स्ट्रक्चर ऑडिट होगा साथ ही एलडीए टीम की ओर से भी समय-समय पर निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। जिससे अगर कहीं भी गुणवत्ता में लापरवाही बरती जा रही हो तो उसे तत्काल सही कराया जा सके। जिससे भविष्य में अलाया जैसा हादसा न हो।

नियम विरुद्ध बन रहीं इमारतें

दरअसल, एलडीए की ओर से अभी पूरे शहर में सर्वे कराया गया था। जिसके बाद यह जानकारी सामने आई है कि 250 से अधिक ऐसी बहुमंजिला इमारते हैैं, जिसमें नक्शे के विपरीत निर्माण कराया जा रहा है। जबकि 150 से अधिक ऐसी निर्माणाधीन इमारतें भी सामने आईं, जिनमें भू उपयोग में परिवर्तन किया गया है। अब अगर नियम विरुद्ध निर्माण हो जाता है तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस वजह से भी बिल्डर्स पर शिकंजा कसा गया है।

बिल्डर्स पर रहेगा पहरा

1-नक्शा पास कराते समय बताना होगा कि बिल्डिंग कितने साल चलेगी

2-बिल्डिंग में कौन सी क्वालिटी के मैटेरियल का प्रयोग हो रहा

3-नक्शे के अनुरूप निर्माण हो रहा है कि नहीं

4-स्ट्रक्चरल ऑडिट की क्या व्यवस्था है

5-कितने फ्लोर की बिल्डिंग बन रही है

6-भू उपयोग के अनुरूप निर्माण हो रहा या नहीं

7-आवासीय या कॉमर्शियल निर्माण की तस्वीर स्पष्ट करनी होगी

8-पार्किंग की व्यवस्था की गई है या नहीं

9-सेटबैक की क्या कंडीशन है

10-रेरा से प्रोजेक्ट अप्रूव्ड है या नहीं

मॉनीटरिंग रिपोर्ट तैयार होगी

एलडीए की ओर से जितने भी बहुमंजिला इमारतों के नक्शे पास किए जाएंगे, उनका समयबद्ध तरीके से मॉनीटरिंग रिपोर्ट भी तैयार कराई जाएगी। उदाहरण के लिए जैसे गोमतीनगर में कोई बहुमंजिला इमारत के लिए नक्शा पास होता है तो जिस दिन नक्शा पास होगा, उस दिन ही एक रजिस्टर बिल्डिंग का तैयार हो जाएगा और उसमें 10 बिंदुओं के आधार पर अलग-अलग रिपोर्ट लगाई जाएगी। इसके बाद इसी रिपोर्ट के आधार पर एलडीए की ओर से बिल्डिंग की जांच कराई जाएगी।

पुरानी बिल्डिंग्स पर फोकस

प्राधिकरण की ओर से एक तरफ तो बहुमंजिला इमारतों से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स पर फोकस किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पुरानी बिल्डिंग्स की मजबूती जांच को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैैं। प्राधिकरण की ओर से निर्णय लिया गया है जो भी बहुमंजिला इमारतें मुख्य रूप से आवासीय हैैं, उनके स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच कराई जाएगी। अगर किसी बिल्डिंग की मजबूती पर सवाल उठते हैैं तो संबंधित डेवलपर या बिल्डर को तत्काल मेंटीनेंस का कार्य कराने के निर्देश दिए जाएंगे। जिससे आवासीय प्रोजेक्ट में रहने वाली जनता सेफ रहे। प्राधिकरण की ओर से पहले हजरतगंज, फिर गोमतीनगर, अलीगंज, महानगर व अन्य सभी योजनाओं में पुरानी बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच कराई जाएगी। जांच कंपलीट होने के बाद पूरी रिपोर्ट वीसी के पास भेजी जाएगी, जिसके बाद वीसी की ओर से संबंधित बिल्डर्स के साथ बैठक कर बिल्डिंग की मजबूती पुख्ता करने संबंधी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी और इस कार्य में प्राधिकरण की टीम भी लगाई जाएगी। जो हर सप्ताह प्राधिकरण के सभी जोन में विजिट करके निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता पर नजर रखेंगी।

बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में गुणवत्ता बरकरार रहे, इसके लिए ही यह कदम उठाया गया है। नक्शा पास कराते समय बिल्डर्स को प्रोजेक्ट की मजबूती से जुड़े बिंदु उपलब्ध कराने होंगे। प्राधिकरण की ओर से भी समय-समय पर बिल्डिंग मैटेरियल की जांच कराई जाएगी। अगर किसी बिल्डिंग में लापरवाही मिलती है तो संबंधित बिल्डर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। हमारा पूरा फोकस आवासीय बिल्डिंग्स में रहने वाली जनता की सुरक्षा पर है।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए