- बुधवार को इस दिशा में मंथन के बाद शुक्रवार को दिल्ली में प्रस्तावित मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मिलेगा अंतिम स्पर्श

न्ङ्घह्रष्ठ॥ङ्घन् : श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का मानचित्र स्वीकृत होने के बाद अब मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों के आवागमन और प्रसाधन की सुविधा को लेकर विमर्श किया जा रहा है। मंदिर निर्माण की शुरुआत को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार से ही रामनगरी में डटे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को सर्किट हाउस में बैठक कर इस दिशा में ध्यान आकृष्ट कराया और वह संभावनाएं खंगालीं, जो मंदिर के स्वरूप और सुरक्षा व्यवस्था के साथ दर्शनार्थियों के लिए सुविधाजनक हो।

11 को दिल्ली में बैठक

मंदिर निर्माण के बाद यहां प्रतिदिन आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या लाखों में होगी। इस जरूरत को ध्यान में रखकर 11 सितंबर को दिल्ली में मंदिर निर्माण समिति की बैठक प्रस्तावित है। बैठक में नृपेंद्र मिश्र सहित राम मंदिर के मुख्य शिल्पी सीके सोमपुरा, मंदिर निर्माण समिति से जुड़े दिल्ली के मशहूर अक्षरधाम मंदिर का प्रबंधन संभाल रहे स्वामी ब्रह्म बिहारी, दिल्ली के स्कूल ऑफ प्ला¨नग एंड आर्किटेक्चर के डीन वीके पॉल सहित अन्य चु¨नदा विशेषज्ञ शामिल होंगे।

नृपेंद्र मिश्र ने की बैठक

फिलहाल बुधवार को स्थानीय सर्किट हाउस में नृपेंद्र मिश्र ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्रमोहन मिश्र व डॉ.अनिल मिश्र, मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व डीआईजी दीपक कुमार सहित अन्य के साथ बैठक की। इससे पूर्व मंगलवार को बैठक के दौरान तय हुआ कि राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई का नियमित काम 15 अक्टूबर के बाद ही शुरू किया जाए। इससे पूर्व एक मीटर व्यास और सौ फीट गहरा गड्ढा खोद कर उसमें कंक्रीट का मसाला भरकर एक खंभा तैयार होगा, जिसकी मजबूती की जांच आईआईटी चेन्नई करेगी। इसकी जांच रिपोर्ट आने में एक महीने का समय लगेगा और इसके बाद ही नियमित काम शुरू होना संभव होगा। मंदिर की नींव में ऐसे 1200 खंभे प्रयुक्त होने हैं।