लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में रविवार को राजभवन के सामने फुटपाथ पर गर्भवती की डिलीवरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आरोप है कि महिला को समय पर एंबुलेंस न मिलने के चलते मजबूरन सड़क पर उसकी डिलीवरी करवानी पड़ी। वहीं, एंबुलेंस आने के बाद महिला को हजरतगंज स्थित झलकारीबाई अस्पताल ले जाया गया। घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल दी है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच प्रमुख सचिव को सौंपी।

राजभवन के सामने हुई डिलीवरी

राजभवन के गेट नंबर 13 के सामने सुबह 11:45 बजे माल एवेन्यू निवासी 30 वर्षीय रूपा की डिलीवरी सड़क पर हो गई। इस दौरान वहां मौजूद कुछ महिलाओं ने साड़ी से उसे चारों ओर से कवर कर दिया। जिसके बाद वहीं उसकी डिलीवरी कराई गई, फिर महिला को झलकारीबाई अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना का विडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लिया। महिला के पति ब्रजेश कुमार सोनी उर्फ टीटू ने बताया कि बीती सात अगस्त को रूपा को पेट में दर्द हुआ था। जिसके बाद उसे दिखाने के लिए सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां पर उसे दवा देकर झलकारीबाई अस्पताल में जांच करवाने के लिए भेजा गया। वहां जांच के दौरान पता चला कि पत्नी गर्भवती है, जिसके बाद हम लोग घर वापस आ गये।

महिलाओं ने की मदद

रविवार सुबह एक बार फिर पत्नी को तेज दर्द हुआ, तो वह दोबारा सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के बाद दर्द कम हुआ तो वह पत्नी को रिक्शा से घर लेकर जाने लगे। पर राजभवन के गेट नंबर 13 के पास पहुंचते ही रूपा को ब्लीडिंग होने लगी। इसी दौरान साथ आई भाभी रीता और कुछ अन्य महिलाओं ने तुरंत रूपा को सड़क किनारे लिटा दिया। जिसके बाद महिलाओं ने चारों ओर साड़ी और अन्य कपड़ों से पर्दा बनाकर किसी तरह डिलीवरी कराई। पर समय से पहले जन्म होने की वजह से नवजात जीवित नहीं बच सका। पति ब्रजेश ने बताया कि उसके पहले से चार बच्चे हैं। इसमें 13 वर्षीय, सात वर्षीय, पांच वर्षीय और दो वर्षीय बच्चा शामिल है। यह रूपा का पांचवा गर्भ था। डिलीवरी के बाद आसपास खड़े पुलिस वालों ने ही एंबुलेंस को कॉल किया। इसके बाद रूपा को झलकारीबाई अस्पताल पहुंचाया गया।

महिला की हालत स्थिर

झलकारीबाई अस्पताल की सीएमएस डॉ। निवेदिता कर ने बताया कि महिला की हालत स्थिर है। बच्चे का जन्म समय से पहले होने के चलते नवजात की जन्म के तुरंत बाद ही मृत्यु हो गई थी। महिला को डाक्टरों की निगरानी में अभी अस्पताल में ही रखा गया है।

विपक्षी दलों ने भी उठाये सवाल

इस पूरे प्रकरण का विडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना शुरू हो गये। विपक्ष ने भी इसको लेकर कई सवाल किये। मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल यादव तक ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल करते हुए ट्वीट किये। आरोप था कि एंबुलेंस को फोन करने के बावजूद एक घंटा देरी से पहुंची थी, जिसकी वजह से ऐसा हुआ। वहीं, एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी के जारी बयान के मुताबिक, कॉल करने के 10 मिनट के भीतर करीब 12:23 पर एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई और 12:35 पर महिला को झलकारीबाई अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश

मामले को तूल पकड़ता देख डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी ली। इतना ही नहीं, वह मरीज के पति ब्रजेश को अपनी गाड़ी से मृत बच्चे का अंतिम संस्कार करवाने बैकुंठधाम ले गये। डिप्टी सीएम ने बताया कि महिला 4.5 माह की गर्भवती थी। घटना के दौरान उसने दाई को बुला लिया था। फिलहाल महिला की हालत स्थिर बनी हुई है और वह बात भी कर रही है। एंबुलेंस देरी से पहुंचना, सिविल अस्पताल की भूमिका आदि सभी पहलुओं की जांच होगी। जिसकी भी लापरवाही मिलेगी उसको कड़ी से कड़ी सजा दी जायेगी। इसके लिए प्रमुख सचिव को जांच के लिए निर्देशित किया गया है।