लखनऊ (ब्यूरो)। सावधान, राजधानी में एक महिला गैैंग एक्टिव है। यह नाकाबपोश गैैंग हाथ में हथियार लिए खाली मकानों को टारगेट करता है और फिर लूट की वारदात को अंजाम देता है। इस गैैंग ने हाल ही में आशियाना के रश्मिखंड में रहने वाले हेल्थ डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ। संदीप गुलाटी के घर को निशाना बनाया और जमकर लूटपाट की। गैैंग के हर मेंबर्स के हाथ में रॉड, चाकू व जानलेवा हथियार थे। अच्छी बात यह रही कि उस वक्त घर में डॉक्टर गुलाटी या उनका कोई फैमिली मेंबर नहीं था वरना इस गैंग की तैयारी देखकर लग रहा था कि वे हमला करने से भी गुरेज नहीं करतीं। गैैंग में शामिल पांच फीमेल मेंबर्स किसी प्रोफेशनल क्रिमिनल की तरह घर में दाखिल हुईं और करीब 40 मिनट तक वारदात को अंजाम दिया। मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में उनकी पूरी वारदात कैद हो गई। घटना के तीसरे दिन कैमरे बंद होने के चलते इसका खुलासा हुआ, जिसके बाद इटावा से लौटे डॉ। संदीप गुलाटी ने आशियाना थाना में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर महिला गैैंग का पता लगाने का प्रयास कर रही हैै।

40 मिनट तक हर कमरे की तलाशी ली

आशियाना के शारदा नगर स्थित रश्मिखंड निवासी डॉ। संदीप गुलाटी हेल्थ डिपार्टमेंंट ने ज्वाइंट डायरेक्टर हैं और वर्तमान में इटावा में तैनात हैं। घटना के दिन डॉ। गुलाटी अपनी पत्नी के साथ इटावा में थे जबकि उनके बेटे पढ़ाई के सिलसिले से बाहर हैं। डॉ। संदीप ने बताया कि घटना 7 जून की है। रात 3.30 बजे पांच नाकाबपोश महिलाएं मेन गेट का ताला तोड़ कर के अंदर दाखिल हुईं। उन्होंने पांच कमरों के लॉक तोड़ कर एक-एक तलाशी ली। 40 मिनट तक धड़ल्ले से टॉर्च की रोशनी में गृहस्थी का सारा सामान बटोर कर साथ ले गईं।

किचन में ड्राई फ्रूट्स भी खाए

डॉ। संदीप के अनुसार, घर में कैश व ज्वैलरी नहीं रखी, लेकिन फीमेल गैैंग ने घर व किचन में रखा महंगा सामान बटोर लिया। इतना ही नहीं, किचन में रखा ड्राई फ्रूट्स का बाक्स भी खाली मिला। माना जा रहा है कि फीमेल गैैंग ने वारदात के दौरान ड्राई फ्रूट्स की पार्टी भी की। घर में दाखिल होने के साथ ही फीमेल गैैंग ने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरे को सप्लाई देने वाले इलेक्ट्रॉनिक स्विच और इंटरनेट का स्विच ऑफ कर दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद वे अपने साथ डीवीआर और इंटरनेट का बाक्स में ले गईं। हालांकि, हाईटेक सीसीटीवी कैमरा एप के जरिए डॉ। संदीप के मोबाइल फोन से कनेक्ट था। जिसके चलते डीवीआर उखाड़ने से पहले मोबाइल पर पूरा वीडियो कैप्चर हो गया था।

कैमरा बंद होने पर हुआ चोरी का खुलासा

डॉ। संदीप ने अपने घर की रखवाली के लिए चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा रखेे थे, जिसकी वह एप के जरिए मोबाइल फोन से निगरानी भी करते थे। 7 जून को वारदात के बाद कैमरे बंद हो गए। 8 जून को कैमरे बंद होने पर उन्हें लगा कि लाइट नहीं आ रही है। जिसके चलते उन्होंने अपने पड़ोसी को कॉल कर लाइट के बारे मेें जानकारी थी। लाइट होने के बाद भी कैमरे बंद होने पर उन्होंने इंटरनेट कंपनी को कॉल कर अपने घर में लगे इंटरनेट कनेक्शन खराब होने की शिकायत की। उनकी कंप्लेन पर इंटरनेट कंपनी का प्रतिनिधि घर पहुंचा और कनेक्शन चालू होने की बात कही। इस पर उन्हें शक हुआ और 8 जून की रात वह घर पहुंच तो घर का सारा सामान बिखरा देख चोरी की जानकारी हुई।

किसी पुरुष के भी शामिल होने का शक

मोबाइल एप के जरिए मिले फुटेज की पुलिस ने जांच की तो पता चला कि गैैंग के पांच मेंबर घर में दाखिल हुए थे। पांचों महिलाओं के हाथ में बड़े-बड़े झोले, रॉड, चाकू व हथियार थे। उनके चेहरों पर नाकाब भी था। हालांकि, उनकी चाल और बातचीत के आधार पर पुलिस को शक है कि फीमेल गैैंग में फीमेल ड्रेस में कुछ मेल मेंबर भी मौजूद थे। जिन्होंने रास्ते में पुलिस की रोक-टोक से बचने के लिए गेटअप बदला था। पुलिस का दावा है कि फुटेज, बोल-चाल व कपड़ों से यह कोई असमिया गैंग लग रहा है, जबकि डॉ। संदीप व उनकी पत्नी का कहना है कि कैमरे में जो आवाज रिकार्ड हुई है, वह अवधी बोली थी।

9 जून की कंप्लेन, 13 को दर्ज हुई एफआईआर

डॉ। संदीप ने 9 जून को चोरी की सूचना आशियाना पुलिस को लिखित तौर पर दी थी। हालांकि, पुलिस ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल तक नहीं की। एफआईआर दर्ज न होने पर 11 जून डॉ। संदीप चोरी गए सामान की लिस्ट के साथ दोबारा आशियाना थाने पहुंचे। इसके बाद भी आशियाना पुलिस उन्हें टरकाती रही और एफआईआर नहीं दर्ज की। वीडियो वायरल होने और अधिकारियों के मामला संज्ञान में लेते ही 13 जून की रात एफआईआर दर्ज की। इस मामले की जानकारी होने पर डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप सिंह ने इंस्पेक्टर आशियाना को नोटिस देते हुए कंप्लेन देने के बाद भी एफआईआर दर्ज न कराने का जवाब तलब किया है।

चोरी की धारा में केस किया दर्ज

डॉ। संदीप के घर हुई वारदात में जानलेवा हथियारों से लैस पांच नाकाबपोश फीमेल मेंबर्स शामिल थीं। जिस तरह से फोर्स इंट्री के साथ वे घर में लूटपाट के लिए दाखिल हुई थीं, उस पर डकैती की धारा में केस दर्ज होना चाहिए था जबकि पुलिस ने चोरी की धारा में केस दर्ज किया। पुलिस का दावा है कि फीमेल गैैंग ने बंद घर में वारदात को अंजाम दिया, उस समय घर में कोई मेंबर मौजूद नहीं था। इसके लिए नकबजनी की धारा में केस दर्ज किया। अगर घर में कोई मेंबर मौजूद होता तो इसकी क्या गारंटी है कि वे उसे नुकसान नहीं पहुंचातीं।

मेल के साथ फीमेल क्रिमिनल्स भी बनीं सिरदर्द

पुलिस ने पिछले 10 सालों में शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज मुकदमों के आधार पर लगभग नौ हजार से ज्यादा अपराधियों की एक लिस्ट तैयार की है। इसके तहत पुलिस को 36 ऐसी महिलाओं के नाम मिले हैं, जिन पर संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। पुलिस अब इन महिला अपराधियों की एक अलग लिस्ट बनाकर इन पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, महिला अपराधियों पर लगाम लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इन अपराधियों को लेकर पुलिस ने इनकी कुंडली तैयार कर ली है।

लूट, चोरी के कई वारदात की फीमेल क्रिमिनल्स ने

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, चिन्हित की गईं फीमेल क्रिमिनल्स पर राजधानी के अलग-अलग थानों में संगीन धाराओं में केस रजिस्टर्ड हैं। इनमें धोखाधड़ी, चोरी, बच्चा चोरी, ऑटो लिफ्टिंग केस समेत कई संगीन धाराओं में केस दर्ज हैं। पुलिस अब मेल क्रिमिनल्स के साथ-साथ इन फीमेल क्रिमिनल्स का भी ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार करने में जुटी है, ताकि कोई भी इन महिलाओं की भी कुंडली घर बैठे ऑनलाइन देख सके।

दूसरे जिले की फीमेल क्रिमिनल्स एक्टिव

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फीमेल क्रिमिनल्स को पकड़ा ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि वे अकसर वेशभूषा बदलकर वारदात को अंजाम देती हैं। इनमें से कई ऐसी भी हैं जो लखनऊ के अलावा बाहरी जिलों की रहने वाली हैं। इन सभी की फिर से कुंडली खुलने के बाद राजधानी में कुछ हद तक अपराध पर लगाम लगेगी।

राजधानी में पहली बार फीमेल गैैंग ने की वारदात

आशियाना में डॉ। संदीप के घर में जिस तरह से फीमेल गैैंग ने वारदात को अंजाम दिया उस मॉडस अपरेंडी पर पहली बार फीमेल गैैंग ने किसी वारदात को अंजाम दिया था। डकैतों की मेल गैैंग की तर्ज पर पूरी वारदात को अंजाम दिया गया। फीमेल गैैंग का इस तरह से वारदात को अंजाम देना ना तो पुलिस के लिए शुभ संकेत है और न ही लखनवाइट्स की सुरक्षा के लिए।

इन बातों को जरूर रखें ध्यान

- घर में अंदर व बाहर दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाएं

- बंद मकान में कैमरे से निगरानी के लिए मोबाइल एप का यूज करें

- गेट नॉक कर हेल्प मांगने वाली किसी भी महिला या पुरुष को घर के अंदर न बुलाएं

- घर की लाइट, बाथरूम का काम व अन्य काम के लिए किसी अंजान की जगह पहचान के मिस्त्री को ही बुलाएं

- प्राइवेट सफाई कर्मियों को घर के अंदर न बुलाकर बाहर से कूड़ा दें

- कॉलोनी के आस-पास रात के समय संदिग्ध तरीके से घूमने वाले मेल व फीमेल को देखने पर सूचना पुलिस को दें

-गेट वाली कॉलोनी में चौकीदार व गार्ड जरूर रखें, साथ ही मेन गेट पर भी कैमरे लगवाएं