लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। गुरुवार को राजधानी में अबतक के सर्वाधिक 35 मामले सामने आये हैं। सभी संक्रमितों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है। अभी की रिपोर्ट के अनुसार, संक्रमितों में ओमनीक्रॉन का एक्सबीबी 1 वेरिएंट मिल रहा है। फिलहाल किसी में नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है।

राजधानी में 35 संक्रमित मिले

राजधानी में गुरुवार को रिकार्ड 35 संक्रमित मिले। इसमें सर्वाधिक 6 मामले अलीगंज और इंदिरानगर में मिले हैं, जबकि सरोजनीनगर में 5, सिल्वर जुबली में 5, आलमबाग में 4, चिनहट में 2, रेडक्रास में 2, टूडियागंज में 2, ऐशबाग में 1, एनके रोड में 1 और मलिहाबाद में 1 कोविड पॉजिटिव रोगी पाए गए हैं। एक व्यक्ति कोविड संक्रमण से स्वस्थ भी हुआ। जनपद में कोविड एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है।

बिना लक्षण वाले हो रहे संक्रमित

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। निशांत निर्वाण ने बताया कि इस समय जो भी संक्रमित आ रहे हैं उनका सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है। अभी तक आई रिपोर्ट में किसी में नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। अधिकतर संक्रमितों में लक्षण नहीं मिल रहे हैं। राहत की बात यह है कि मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ज्यादातर घूमने के लिए बाहर जाने वाले, सर्जरी या डिलीवरी से पहले टेस्ट करवाने वालों की ही रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।

*************************************************

स्वास्थ्य के लिए चुनौती बने गैर संचारी रोग

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की 10 प्रमुख बीमारियों में हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, लोअर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन, नियोनेटल कंडीशन, ट्रेकिया, ब्रोंकस लंग कैंसर, एल्जाइमर एंड डिमेंशिया, डायरिया, डायबिटीज और किडनी डिजीज। विश्वस्तर पर वर्ष 2019 में मौतों के 10 प्रमुख कारणों में से सात गैर संचारी रोग थे। यह सात कारण सभी मौतों के 44 प्रतिशत या शीर्ष 10 में से 80 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार थे। यह जानकारी केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ। सूर्यकांत ने वल्र्ड हेल्थ डे के अवसर पर दी।

तीन में एक भारतीय मानसिक रोगी

डॉ। सूर्यकांत के मुताबिक भारत में लगभग 10 करोड़ हाइपरटेंशन व हृदय रोग, सांस रोगी नौ करोड़, सात करोड़ डायबिटीज के मरीज हैं। प्रतिवर्ष सात लाख कैंसर के रोगी आते हैं। विश्व का टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय है। आकड़ों के अनुसार भारत हर तीन में से एक व्यक्ति मानसिक रोगी होता है। डॉ। सूर्यकांत ने बताया कि धूम्रपान, तंबाकू, नशीले पदार्थों के सेवन की लत से दूर रहना, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करना एवं परिवहन के लिए पर्यावरण के अनुकूल ईंधन का उपयोग करना, भोजन बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना, प्लास्टिक का उपयोग न करना, स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर इससे बच सकते हैं।