मेरठ (ब्यूरो)। पैसे की जरूरत किसे नहीं होती और जरूरत के लिए लोन कौन नहीं लेता। और फेस्टिव सीजन हो तो ये और भी जरूरी हो जाता है। वैसे भी तो आजकल एप के जरिए इंस्टेंट लोन देने का चलन भी चल रहा है। मगर ये चलन किसी साइबर ठगी वाले चंगुल से कम नहीं है। अगर आप इसमें फंसे तो गहराई तक धंसते जाएंगे। जानते हैैं क्योंरिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 1000 से ज्यादा लोन ऐप्स काम कर रहे हैं। ज्यादातर का कनेक्शन चीन से है। ये चीनी लोन ऐप यूजर के डेटा चुराने से लेकर उनके एडिट न्यूड फोटो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल करने ठगने का खेल भी खेल रहा है। देश में इस बाबत हजारों मामले सामने आ चुके हैैं और मेरठ जिले की बात करें तो इस साल 18 मामले दर्ज किए जा चुके हैैं। अब हम जानते हैं कि किस तरह ये ऐप काम कर रहे हैं, क्या है इनके फ्रॉड का तरीका, कैसे सेफ रहा जा सकता है? मगर उससे पहले जरा पीडि़तों की कहानियां जान लेते हैैं

केस 1
मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले विकास ने यू-ट्यूब पर एक लोन एप का ऐड देखा, जिस पर एक लाख का लोन 18 महीने में चुकाया जाना था। विकास को जरूरत थी तो उसने एप डाउनलोड कर लिया। आधार और पेन कार्ड जैसी जरूरी जानकारी एप पर देने के बाद खाते में पैसे भी आ गए। मगर कुछ ही दिन बाद विकास के पास फोन आने लगे कि वे दो लाख का भुगतान करें नहीं तो उनके फोटो एडिट करके वायरल कर दिए जाएंगे। भुगतान न करने पर विकास के कुछ दोस्तों को एडिट किए गए फोटो भेज दिए गए। विकास ने इस बाबत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है

केस 2
मोदीपुरम निवासी राहुल ने एक एप से 10 हजार का लोन लिया। एक हफ्ते में लोन चुकाया जाना था। मगर चार दिन के बाद से ही ऑरिजनल रकम से पांच गुना यानि 50 हजार का भुगतान करने के लिए अलग-अलग नंबर्स से फोन आने चालू हो गए। पहले गाली-गलौच की गई और बाद में जब राहुल ने भुगतान नहीं किया तो उनकी फैमिली फोटो एडिट कर वायरल करने की धमकी दी गई। पैसे न देने पर राहुल के फोटो एडिट करके न्यूड बनाए गए और फिर परिचित और रिश्तेदारों के बीच वायरल कर दिए गए। राहुल ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।

कैसे काम करते हैं चीनी लोन ऐप
कोई व्यक्ति तुरंत लोन पाने के लालच में इन लोन देने वाले ऐप्स को इंस्टाल करता है।

डाउनलोडिंग के समय ये ऐप्स यूजर से उसकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स, लोकेशन आदि के एक्सेस की परमिशन मांगते हैं, जो अक्सर यूजर दे देते हैं।

कई बार ये ऐप्स यूजर के फोन में बिना उसकी जानकारी के ही थर्ड पार्टी ऐप्स या मालवेयर इंस्टाल कर देते हैं और इसके जरिए यूजर की निजी जानकारियां चुरा लेते हैं। इन जानकारियों का इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने में होता है।

ये तुरंत लोन के नाम पर पूरा पैसा भी नहीं देते बल्कि 60-70त्न ही यूजर के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।

मान लीजिए किसी ने 6 हजार रुपए लोन लिए, तो उसे महज 3,700-3,800 रुपए ही दिए जाएंगे, बाकी के 2,200-2,300 रुपए सर्विस और दूसरे चार्ज के नाम पर काट लिए जाते हैं।

अब लोन लेने वाले को ब्याज समेत 6,000 रुपए लौटाने हैं। इन ऐप्स की ब्याज दर इतनी ज्यादा होती है कि कई बार हफ्ते भर में ही लोन अमाउंट 40-50 हजार रुपए तक पहुंच जाता है।

फिर शुरू होता है लोन लेने वाले के साथ ब्लैकमेलिंग और शोषण का खेल, जो उससे कई गुना पैसे ऐंठने तक जारी रहता है।

इन ऐप्स की खासियत ये है कि ये 2 हजार से 5-7 हजार रुपए के छोटे-छोटे लोन ही देते हैं।

3ृ5 फीसदी तक लेते हैैं इंटरेस्ट?
ऐप डाउनलोड करने के बाद आप जैसे ही फॉर्मेलिटीज पूरी करते हैं। आपके अकाउंट में लोन का पैसा आ जाता है। लोन लेने वाले को अपना और अपने परिवार का फोन नंबर ऐप कंपनी से शेयर करना होता है।

एक ऐप से लोन लेने के साथ ऐसे ही 20-30 और ऐप्स से आपके पास फोन आने शुरू होते हैं। ये लोग कस्टमर को और लोन देने का ऑफर करते हैं। कई लोग इन ऐप्स से और लोन ले लेते हैं। इन ऐप्स से लिए लोन पर 35 फीसदी तक का इंटरेस्ट रेट लगता है। ड्यू डेट पर किस्त नहीं चुकाने पर अगले दिन से फ्लैट 3 हजार रुपए तक की पेनाल्टी हर रोज लगती है।

कई लोग पहला उधार चुकाने के लिए दूसरे ऐप और दूसरा उधार चुकाने के लिए तीसरे ऐप से लोन लेते हैं और इसी के साथ इन लोन ऐप्स के जाल में फंसते चले जाते हैं।

आरबीआई जारी कर चुका है चेतावनी
पिछले साल दिसंबर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इन इंस्टैंट लोन कंपनियों पर संज्ञान लेते हुए इन ऐप्स को लेकर चेतावनी जारी की थी। आरबीआई ने आम लोगों को अनधिकृत डिजिटल लोन ऐप्स से दूर रहने को कहा था। अपील की थी कि वे किसी अनजान व्यक्ति, अनवेरिफाइड/अनऑथराइज्ड ऐप्स के साथ अपने आरबीआई न शेयर करें।

चीनी लोन एप के फ्रॉड से कैसे बचें
किसी भी एप से लोन लेने से बचें, बैैंक या अधिकृत संस्थानों से ही लोन लें।
किसी अनजान व्यक्ति, अनवेरिफाइड एप्स से केवाईसी शेयर न करें।
किसी भी धोखाधड़ी की सूचना तुरंत पुलिस या आरबीआई को दें।
लोन एप की ब्लैमेलिंग के दबाव में पैसे न दें, तुरंत पुलिस की मदद लें।
नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत कर सकते हैं।

बीते एक साल में मेरठ से टॉप लोन, रेजरपे, कैश फ्री, किस्त और लेजी पे आदि एप से लोगों के लोन लेने के बाद उन्हें ब्लैकमेल करने और ठगी के मामले सामने आ रहे हैैं। स्थानीय स्तर से लखनऊ पुलिस मुख्यालय को इस बाबत जानकारी दी गई है। इस तरह की सभी एप को बंद कराने की सिफारिश की गई है। सभी मामलों में केस दर्ज कर जांच भी की जा रही है। साइबर सेल द्वारा लगातार ऑनलाइन लोगों से अपील की जा रही है कि किसी भी एप से लोन लेने से पहले उसे वैरिफाइड कर लें कि वह आरबीआई से अधिकृत है या नहीं। इसके लिए जिस एप को इस्तेमाल कर रहे हैं उस एप के किनारे पर तीन डॉट पर क्लिक कर एप्लिकेशन की हिस्ट्री चैक कर लें। अगर यह एप चाइनीज है तो बिल्कुल भी इसका इस्तेमाल न करें।
राघवेंद्र कुमार, प्रभारी, साइबर सेल