-किसान मांग रहे जमीन का अतिरिक्त मुआवजा

-एमडीए सीलिंग की बता रहा जमीन, घमासान

Meerut । शताब्दी नगर योजना में 60 एकड़ जमीन को लेकर एमडीए और किसानों में रार छिड़ी हुई है। हैरानी की बात तो यह है कि एक ओर जहां एमडीए मुआवजा भुगतान करने के बाद जमीन को सीलिंग की बता रहा है, वहीं किसान जमीन एमडीए की होने का दावा कर रहे हैं। यही नहीं दोनों के बीच फंसा यह विवाद शासन तक जा पहुंचा है।

ये है मामला

दरअसल, 1987 में एमडीए ने शताब्दीनगर योजना 1600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। 2005 में जब किसानों ने एमडीए से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की, तो एमडीए ने 60 एकड़ जमीन को सीलिंग की बताते हुए 63 किसानों का भुगतान रोक लिया और गलत तरीके से पूर्व में किए गए भुगतान वापसी के लिए किसानों को नोटिस जारी कर दिया। एमडीए द्वारा जमीन को सीलिंग बताने पर किसान नेता राममेहर सिंह ने पूरे मामले से शासन को अवगत कराया है।

आरोप-प्रत्यारोप

किसान नेता राममेहर सिंह ने बताया कि अभी तक इस जमीन की धारा (5) के बाद (6) नहीं हो हुई है। इस लिए ये जमीन सरप्लस नहीं हुई है। वहीं एमडीए का दावा है कि भूमि सीलिंग अधिनियम के अनुसार यदि धारा-10(5) के बाद धारा-10(6) की कार्रवाई पूर्ण हो गई हैं और शासन द्वारा जमीन पर कब्जा लिया जा चुका है तो वह जमीन शासन में निहित समझी जाएगी और यदि धारा-10(6) नहीं हुई है तो वह शासन में निहित नहीं समझी जाएगी।

प्रशासन ने मांगी रिपोर्ट

इस मामले को लेकर शासन ने प्रशासन से इसकी आख्या मांगी है। अपनी आख्या में एडीएम एलए ने बताया है कि 63 मामलों में जमीन की धारा-10(6) की कार्रवाई नहीं हुई है। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से एमडीए को पत्र लिखकर मुआवजा भुगतान के बारे में सवाल किया गया है।

जमीन सीलिंग की है। मुआवजा भुगतान को लेकर जांच की जा रही है। यदि कहीं गलती हुई है तो उसको सुधारा जाएगा।

-मांगेराम चौहान, तहसीलदार एमडीए