- पैतृक गांव कुशावली में राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

- सेना और पुलिस के जवानों ने दी अंतिम सलामी

- पुलिस-प्रशासनिक अफसरों व राजनैतिक दलों के नेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि

सरधना : कश्मीर के बारामूला जिले में शहीद हुए सेना के जवान अजय कौशिक का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह उनके पैतृक गांव लाया गया। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। तिरंगे में लिपटी देह देखकर शहीद के परिजनों की आंखें नम हो गईं। नौ वर्षीय पुत्र हर्ष ने पिता को मुखाग्नि दी।

कुशावली निवासी सैन्यकर्मी अजय कौशिक (40) पुत्र श्रीचंद कौशिक शनिवार अलसुबह कश्मीर के बारामूला जिले में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। कैप्टन अभिषेक शर्मा, कैप्टन आदित्य सिन्हा व कैप्टन शिव प्रताप सिंह रविवार देर शाम शहीद अजय का पार्थिव शरीर दिल्ली लेकर आए। फिर वहां से मेरठ और सोमवार सुबह 10 बजे के करीब शहीद का पार्थिव शरीर कुशावली गांव लाया गया। ग्रामीणों ने 'अजय कौशिक अमर रहें' के नारे लगाए। अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को कुछ देर के लिए उनके घर ले जाया गया। परिजनों के विलाप से हर किसी की आंखें नम हो गईं। इसी क्रम में गांव स्थित श्मशान में राजकीय सम्मान के साथ शहीद अजय कौशिक का अंतिम संस्कार किया गया। नौ वर्षीय पुत्र हर्ष ने पिता को मुखाग्नि दी। सेना और पुलिस के जवानों ने शहीद अजय कौशिक को अंतिम सलामी दी।

डीएम पंकज यादव, एसएसपी ओंकार सिंह, विधायक संगीत सोम, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष मनिंदरपाल सिंह, एसडीएम शिवकुमार, सीओ धनपाल सिंह, तहसीलदार महेंद्र बहादुर सिंह व इंस्पेक्टर मेहर सिंह आदि ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

ये लोग पहुंचे श्रद्धांजलि देने

शहीद अजय कौशिक को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस जिलाध्यक्ष आफाक खां, जिला पंचायत सदस्य आनंद भामौरी, रामबीर सिंह, ठाकुर विनोद, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप त्यागी, भामौरी प्रधान दिनेश कुमार, झिटकरी प्रधान अशोक सिरोही, कपसाड़ प्रधान सदनपाल सिंह कोरी, पूर्व प्रधान सतीश कुमार, रार्धना प्रधान विश्वास, खेड़ा प्रधान गौरव प्रताप, कांग्रेस नेत्री सपना सोम व सुशील कुमार आदि भी पहुंचे।

'आपके बहादुर बेटे पर देश को गर्व है'

सरधना : शहीद अजय कौशिक का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे कैप्टन शिव प्रताप सिंह, कैप्टन अभिषेक शर्मा और कैप्टन आदित्य सिन्हा ने उनके पिता को सांत्वना दी। सेना के अधिकारियों ने कहा कि अजय कौशिक बहुत बहादुर थे, उन पर पूरे देश को गर्व है। पत्नी और बच्चों को आर्थिक सहायता के सवाल पर अधिकारियों ने कहा कि पीडि़त परिजनों की हरसंभव मदद की जाएगी।

अंतिम दर्शन नहीं कर सका सुधीर

सरधना : शहीद अजय कौशिक के छोटे भाई किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उन्हें अंतिम संस्कार में पहुंचने में थोड़ी देर हो गई। दरअसल, पार्थिव शरीर को चिता पर रखा जा चुका था और मुखाग्नि की तैयारी चल रही थी। भाई की चिता देखकर सुधीर फफक पड़े।