- मेला उर्स में ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन

- एडीएम प्रशासन, एसपी देहात व कमेटी पदाधिकारियों ने शुभांरभ

 

Phalauda : नगर के ऐतिहासिक मेला उर्स कुतुबशाह जमालुदीन की याद में शुक्रवार रात को आल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया, इस दौरान शायरों ने अपने बेहतरीन कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी। देर रात मुशायरे का समापन किया गया। इस मौके पर दूर दराज से आए शायरों ने एक से बढ़कर कलाम पेश कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर जमकर तालियां बटौरी।

 

एक से बढ़कर एक कलाम

मुशायरे का आगाज शायर मिर्जा हमदम ने नात-ए कलाम पेश कर किया। इस मौके पर शायर खालिक ने कलाम पेश करते हुए फरमाया कि तेरा मेरे मालिक जो सहारा नही होता, दिनभर की मशक्कत से गुजारा नहीं होता, के दुनिया में मुहम्मद की आमद नहीं होती, यदि अल्लाह ने कुरआन उतारा नहीं होता पेश कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और जमकर दाद बटौरी। इसके बाद बिजनौर से आए फाखिर अदीब ने कलाम पेश कर फरमाया कि आखिर मंजिल दरयाओं की सुमंदर है, रिश्ता ये हरगिश नही तोड़ा जायेगा, हम है हिस्सेदार किरायेदार नहीं, हमसे ¨हदूस्तान न छोड़ा जायेगा। पेश कर खूब वाह वाही लूटी।

 

खूब बजीं तालियां

इसके अलावा शायर अफजल मंगलौरी ने पठानकोट में शहीद हुएच्बच्चों पर जुर्म की दांस्तान को बयां करते हुए फरमाया कि अब न बुझेगी आग बगावत की जालिम, सीने में जज्बात की आंधी जलती है, ये बोला तलवार उठाकर एक बच्चा, आग में पहले छोटी लकड़ी जलती है, भूख-गरीबी फाकाकशी और लाचारी, कैसे-कैसे ख्वाब हमको दिखाती है, नींद से उठकर बोला बच्चा, रोटी बनने की आवाज आती है। पेश कर मुशायरे में चार चांद लगाते हुए माहौल को गरमा दिया। इस मौके पर मशहूर शायर माजिद देवबंदी, रफत जमाल, मनोज कुमार, शरीफ भारती आदि ने कलाम पेश किये। सुबह चार बजे मुशायरे का समापन हुआ।

 

मेला में निकाला पंखा जुलूस

कस्बा में चल रहे मेला उर्स के तहत बैंड बाजों संग पंखा जुलूस निकाला गया। कानी पट्टी से शुरू हुआ पंखा जुलूस का शुभारंभ बसपा नेता हाजी फिरोज ने किया। जुलूस विभिन्न गली मोहल्ले से होते हुए कुतुबशाह जमालुदीन की दरगाह पर पहुंच कर संपन्न हुआ। जुलूस में कमेटी के पदाधिकारियों का सहयोग रहा।