बहुत अफसोस है

प्रवीण कुमार पिछले काफी समय से इंजर्ड चल रहे हैं। उनके लिए टीम इंडिया में वापसी कर पाना तो दूर, खेलना मुश्किल हो रहा था। उम्मीद बस आईपीएल 7 पर आकर टिक गई थी। बुधवार के बाद गुरूवार को भी ऑक्शन में प्रवीण कुमार को कोई खरीददार नहीं मिला। ऐसे में प्रवीण उर्फ पीके का आईपीएल 7 में खेल पाने का सपना भी चकनाचूर हो गया है। बेशक प्रवीण कुमार और उनकी चोट का चोली दामन का साथ रहा है, लेकिन आईपीएल के सभी सीजन में अभी तक पीके खेलते नजर आए हैं। उम्मीद पीके को इस बार भी थी, लेकिन सपना फ्रेंचाइजी मालिकों ने तोड़ कर रख दिया। किसी भी फ्रेंचाइजी ने इस खिलाड़ी को खरीदने की कोशिश नहीं की।

तो क्या व्यवहार से पड़ा असर

बेशक प्रवीण अभी फिट हैं या नहीं ये अलग बात है, लेकिन आईपीएल 7 में उनका बोली में होना और ना चुना जाना बेहद निराशाजनक है। प्रवीण हमेशा अपने व्यवहार की वजह से भी सुर्खियों में छाए रहे हैं। कहीं यही कारण तो नहीं कि उनकी तुनकमिजाजी सभी फ्रेंचाइजी मालिको के दिमाग में घर कर गई है और किसी ने भी इस खिलाड़ी को अपनी टीम में चुने जाने का रिस्क नहीं उठाया है।

बड़ी मुश्किल है अब

सही मायने में प्रवीण कुमार 2011 से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं है। लेकिन आपको जानकार ताज्जुब होगा, कि 2010 से प्रवीण कुमार अपनी रणजी टीम यूपी को पूरे सीजन सेवाएं नहीं दे पाए हैं। हर सीजन में एक मैच खेलकर ही चोटिल हो जाने से पूरा सीजन पीके को गवाना पड़ा। तो इस सीजन में तो पीके यूपी टीम का हिस्सा तक नहीं बन पाए। बेशक पीके फिट थे, तभी ऑक्शन में उनका नाम शामिल था। लेकिन अब नहीं चुने जाने के बाद उनका टीम इंडिया में वापसी के सपने को भी करारा झटका लगा है। थोड़ी उम्मीद आईपीएल 7 से थी, लेकिन वो भी अब खत्म हो गई। तो क्या अब बीते दिन की बात हो जाएंगे पीके?