- जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की प्रथम बैठक हुई

- मौके पर विकास कार्यो को जांचें अधिकारी, बोले-राज्यमंत्री

Meerut: अफसर, जनप्रतिनिधियों के द्वारा जनता की समस्याओं के संबंध में भेजे गए पत्रों का जबाव दें। विकास कार्यो से आमजन को सहूलियत होती है। कोई भी पात्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर उपलब्ध रहें, झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करें। विकास योजनाओं में जनप्रतिनिधियों के सुझाव को तवज्जो दें। शनिवार को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने यह निर्देश अफसरों को दिए।

पहली बार हुई बैठक

जिलों के प्रभावी एवं समयबद्ध विकास के लिए संसद, राज्य विधानमंडलों और स्थानीय सरकारों (पंचायती राज संस्थाओं-नगर पालिका निकायों) के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन केंद्र सरकार के निर्देश पर किया गया है। दिशा की पहली बैठक शनिवार को कलक्ट्रेट स्थित बचत भवन में राज्यमंत्री बालियान की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्षा सीमा प्रधान, प्रभारी डीएम/सीडीओ नवनीत सिंह चहल एवं जनपदस्तर के अफसर मौजूद थे।

विकास पर चर्चा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिव्यांगों को शौचालय मुहैया कराओ, मौके पर विकास कार्यो की गुणवत्ता परखो। जल निगम के अफसर पेयजल योजना की आख्या दें। सांसद अग्रवाल ने कौशल विकास मिशन की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। सीडीओ ने बताया कि समिति की बैठक वर्ष में चार माह-अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और फरवरी में आयोजित की जाएगी। विकास कार्यो में प्रगति न होने पर समिति कभी भी सुझाव दे सकती है।

खुलेगा जनसुविधा केंद्र

सीडीओ ने बताया कि 482 ग्राम पंचायतों में एक-एक जन सुविधा केंद्र खोला जाएगा। 252 ग्राम पंचायतों में जन सुविधा केंद्र खोले जा चुके हैं। 14वें वित्त आयोग व चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से गांवों का विकास कराया जा रहा है। मनरेगा के तहत 45563 जॉब कार्ड बने हैं, 71688 श्रमिक पंजीकृत हुए और वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए लेबर बजट 17.313 करोड़ रुपए है। यह गत वर्ष से दुगना है।

आवास योजना का सर्वे शुरू

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी जोकि डूडा द्वारा संचालित है में 3 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों को 30 वर्गमीटर का ईडब्ल्यूएस मकान व 3 से 6 लाख की वार्षिक आय वालों को 60 वर्ग मीटर का एलआईजी मकान पात्रता के आधार पर दिया जाएगा। सर्वे चल रहा है। इन्दिरा आवास योजना के स्थान पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना प्रारम्भ की गई है। बैठक में परियोजना निदेशक डीआरडीए आरके त्रिवेदी, सीएमओ डॉ। रमेश चंद्रा, एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र, नगरायुक्त डीकेएस कुशवाह, सदस्य मीनाक्षी भराला, जगत सिंह आदि मौजूद थे।