आई एक्सक्लूसिव

-मेडिकल हादसे के बाद नए सिरे से हो रही रेस्क्यू ऑपरेशन की कवायद

-गेल, इंडियन ऑयल, दौराला केमिकल को जोड़ा जाएगा

-जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए वन विभाग बना रहा कार्ययोजना

Meerut : शहर में कोई बड़ी इमारत ध्वस्त हो या कहीं तेंदुआ निकल आए। अब जिला प्रशासन आपदा में हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठेगा। आपदा प्रबंधन की दिशा में मेरठ जिला प्रशासन बड़ा कदम उठा रहा है। नए सिरे से प्रबंधन को खड़ा करने के साथ अत्याधुनिक उपकरणों को भी जुटाया जा रहा है।

तैयार रखो शिकंजा

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव और एडीएम वित्त एवं राजस्व गौरव वर्मा ने बताया कि गत दिनों शहर में तेंदुआ निकलकर आया। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने में वक्त लगा, जिसकी वजह उपकरणों के साथ-साथ विशेषज्ञों की कमी थी। अब ऐसा नहीं होगा। एडीएम ने बताया कि वन विभाग के साथ मिलकर डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। वन विभाग को शिकंजा बनाने, ट्रैन्कुलाइजर गन और मैटेरियल अरेंज करने के साथ-साथ आपात स्थिति में ऐसे एक्सपर्ट के संपर्क जुटाने के लिए कहा गया है जो बिना वक्त जाया किए उपलब्ध हो सकें। मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार के निर्देशन में प्लान तैयार हो रहा है।

अहम होगे अगले 72 घंटे

मेडिकल थाना क्षेत्र जैसी घटना में प्रथम 72 घंटे को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन का फुलप्रूफ प्लान तैयार हो रहा है। इमारत गिरने के तत्काल बाद एक्सपर्ट की टीम जनहानि रोकने के लिए क्या बेहतर प्रयास कर सकती है, इस पर प्लान बन रहा है। मसलन, पूरे मलबे को हटाने के बजाय ड्रिलर, कटर आदि का प्रयोग कर दबे व्यक्ति को सुरक्षित कैसे निकालें? अथॉरिटी एक्सपर्ट की ऐसी टीम बना रही है जो बिना चूक के आपदा के दौरान जनहानि न होने दे।

गेल से मांगा ब्लू प्रिंट

एडीएम ने बताया कि पूरे शहर में गेल गैस की पाइप लाइन हैं। टेलीफोन लाइन, फाइबर लाइन आदि बिछाने के दौरान लाइन क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना रहता है। गेल गैस से शहर में बिछाई गई पाइप लाइन का ब्लू प्रिंट मांगा गया है साथ आपात स्थिति से निपटने के लिए उनकी तैयारी की प्रशासन देख रहा है। इंडियन ऑयल के डिपो, दौराला केमिकल, दौराला आर्गेनिक आदि बड़ी फैक्ट्रियों को जिला प्रशासन रडार पर लेकर आ रहा है। अथॉरिटी पब्लिक पार्टनरशिप से एक बड़ी टीम क्रिएट कर रहा है जो आपात स्थिति से निपटने में प्रभावी सहयोग करेगा। एडीएम गौरव वर्मा ने बताया कि 2015 में जिला प्रशासन की ओर से ड्राफ्ट डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान को रिवाइज किया जा रहा है।

पिछली कुछ घटनाओं में देखा गया है कि संसाधनों और एक्सपर्ट्स की कमी से आपदा प्रबंधन आपेक्षित गति से नहीं हो सका है। वन विभाग को वन्य जीव को पकड़ने के लिए प्रभावी योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बिल्डिंग गिरने की घटना हो या भीषण आग, अथॉरिटी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर रही है।

गौरव वर्मा, एडीएम वित्त एवं राजस्व