- चार माह बाद भी पूरी नहीं हो सकी किताबों की मांग
- हिंदी और उर्दू के बच्चों को नहीं मिलीं किताबें
पारुल सिंघल
मेरठ। स्कूल खुले करीब चार महीने होने को आएं हैं, लेकिन अभी तक भी पूरी किताबें नहीं पहुंची है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार अभी भी करीब तीन लाख किताबों की पूर्ति नहीं हुई है, जिसकी वजह से हजारों बच्चे स्कूली कोर्स से वंचित रह गए हैं। जबकि सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार लगातार करोड़ों का बजट और दिशा-निर्देश जारी कर रही है।
1,70,104 स्टूडेंट्स नामांकित
10,79,380 किताबें खरीदने के आर्डर
7,77,224 किताबों का हुआ वितरण
3,02,156 किताबें अभी आना बाकी
40 प्रतिशत बच्चे बुक्स के बिना कर रहे पढ़ाई
8,71,531 हिंदी मीडियम बुक्स की भेजी थी मांग
7,71,703 हिंदी मीडियम बुक्स की हो सकी पूर्ति
99,828 हिंदी मीडियम बुक्स का इंतजार
25,701 उर्दू मीडियम बुक्स की मांग
4369 उर्दू मीडियम बुक्स की पूर्ति
21,332 उर्दू मीडियम बुक्स का इंतजार
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इस बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं हैं। मामला संज्ञान में आ गया है। जांच करवा ली जाएगी।
-सिद्धार्थ गिरी, एबीएसए