मेरठ (ब्यूरो)। योगी सरकार ने अपने बजट में वेस्ट यूपी को बूस्टर डोज दी है। एक ओर मेरठ की महत्वाकांक्षी योजनाओं को धनराशि की घोषणा की गई। वहीं, खेतीबाड़ी को बूस्टर डोज भी मिली। गन्ना किसानों के भुगतान व चीनी मिलों के आसपास आवागमन का ढांचा मजबूत करने पर फोकस किया गया है। बजट में वेस्ट यूपी के समद्ध ढांचे का खाका पेश किया गया। स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालय, खेल कालेज, पर्यटन के साथ ही चिकित्सा को सेहतमंद बनाने पर जोर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने की कोशिश की गई।

गन्ना किसानों को फायदा
प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर सुरेश खन्ना ने गन्ना किसानों के लिए घोषणा की। वेस्ट यूपी में 59 चीनी मिले हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को वर्ष 2017 से अब तक 1,96,000 करोड़ रुपए से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है। रैपिड रेल और स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी की वजह से मेरठ के हिस्से में सबसे बड़ा बजट आया है

पेयजल परियोजनाएं लेंगी आकार
नगर निगम अंतर्गत शहर के जोन पांच, छह और सात में करीब 70 किमी नई पेयजल लाइन और पांच ओवरहेड टैंक बनाने का प्रस्ताव जलनिगम ने तैयार किया है। इसे मूर्त रूप देने के लिए अमृत 2.0 के तहत 70 करोड़ की डिमांड की गई है। वहीं, वेस्ट यूपी में कई महत्वपूर्ण पेयजल परियोजनाएं आकार लेंगी।

स्टार्टअप को मिलेगा सरकारी फंड
बजट में विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स में पंजीकृत बेहतरीन स्टार्टअप के लिए भी धनराशि का प्रावधान किया है। इस बाबत सौ करोड़ रुपये सीड फंड की व्यवस्था की गई है। प्रदेश सरकार के स्टार्टअप योजना से पंजीकृत विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स में पंजीकृत दमदार स्टार्टअप को सरकारी फंड मिलेगा। प्रदेश भर में ऐसे 55 इन्क्यूबेशन सेंटर पंजीकृत हो चुका हैं। चौधरी चरण ङ्क्षसह विश्वविद्यालय का स्टार्टअप सेल एंड इन्क्यूबेशन सेंटर भी जल्द ही स्टार्ट इन यूपी योजना में पंजीकरण कराने जा रहा है। ऐसा होते ही विश्वविद्यालय में पंजीकृत युवाओं के स्टार्टअप को प्रदेश सरकार से फंड मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

सुधरेगी शहर की हालत
बजट में अमृत 2.0 में करीब 180 प्रतिशत और स्वच्छ भारत मिशन, सालिड मैनेजमेंट व यूज्ड वाटर मैनेजेमेंट के बजट में करीब 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। नगर निगम ने गांवड़ी में इंटीग्रेटेड कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की तैयारी कर ली है। सिटी वेस्ट एक्शन प्लान में बजट की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव शासन व केंद्र को भेजा जा चुका है। 135 करोड़ की डिमांड है। यह धनराशि केंद्र सरकार से मिलनी है। बुधवार को योगी सरकार के बजट में भी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बजट प्रस्तावित कर दिया गया है। इससे शासन से भी कूड़ा निस्तारण प्लांट के लिए धनराशि मिल सकती है।

बजट में हुई बढ़ोत्तरी
योगी सरकार ने अमृत 2.0 के अंतर्गत पेयजल, सीवरेज और वाटर बाडीज के लिए वर्ष 2022-23 में 2000 करोड़ रुपये के बजट दिया गया था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5616 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसी तरह च्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत शौचालय, सालिड वेस्ट मैनेजमैंट, यूज्ड वाटर मैनेजमैंट के लिए 1356 करोड़ 36 लाख रुपये का बजट दिया गया था। इस बार करीब 100 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 2,707 करोड़ 86 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है। इसीलिए मेरठ को प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए कुछ बजट मिलने की उम्मीद है।

सड़कें होगी गड्ढा मुक्त
बजट में नगरीय सड़कों के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसमें से मेरठ शहर को भी कुछ बजट मिलेगा। क्योंकि नगर निगम ने औद्योगिक क्षेत्र मोहकमपुर, स्पोट््र्स कांप्लेक्स की सड़क निर्माण के लिए 26 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा रखा है।

कान्हा गोशाला के विस्तार में आएगी तेजी
बजट में कान्हा गोशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के तहत 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसमें से मेरठ को भी धनराशि मिलेगी। परतापुर स्थित कान्हा गोशाला का विस्तार कार्य चल रहा है। जिसमें अब तेजी आएगी।

स्मार्ट प्रोजेक्ट को लेकर असमंजस की स्थिति
नगर निगम ने राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आइटीएमएस चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर सर्विलांस सिस्टम स्थापित करने का प्रस्ताव, आबूनाले को ढककर स्मार्ट पार्किंग, निगम परिसर में मल्टी लेवल वाहन पार्किंग, गांधी आश्रम से तेजगढ़ी चौराहे तक स्मार्ट रोड, ऐतिहासिक इमारतों पर फसाड लाइङ्क्षटग के प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। जिनके लिए बजट मंजूर होने की उम्मीद थी। लेकिन बजट में राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के प्रोजेक्ट का उल्लेख न होने से असमंजस की स्थिति है। निगम अफसरों का कहना है कि बजट के मिनट््स आने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।