- इलेक्ट्रीसिटी कनेक्शन के कट जाने के बाद जेनरेटर से चलाया जा रहा है काम

- 62.5 केवीए जेनरेटर में रोज 100 लीटर डीजल की हो रही है खपत

<- इलेक्ट्रीसिटी कनेक्शन के कट जाने के बाद जेनरेटर से चलाया जा रहा है काम

- म्ख्.भ् केवीए जेनरेटर में रोज क्00 लीटर डीजल की हो रही है खपत

MEERUTmeerut@inext.co.in

MEERUT : पिछले तीन दिनों से मेरठ का कैंट बोर्ड कार्यालय जेनरेटर के भरोसे पर चल रहा है। कमरों में रोशनी से लेकर कंप्यूटर तक जेनरेटर की पॉवर से चल रहे हैं। लोड की प्रॉब्लम न हो कोई हेवी मशीनरी को अवॉयड किया जा रहा है, जिसके कारण काम थोड़ा सुस्त हो गया है। आने वाले कितने दिनों तक ऐसे ही चलता रहेगा इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

म्ख्.भ् केवीए का है जेनरेटर

कैंट बोर्ड कार्यालय की पीवीएनएल की ओर से पॉवर सप्लाई काट देने से काम काफी प्रभावित हो गया है। कमरों की ट्यूबलाइट और कुछेक कंप्यूटर को छोड़ दिया जाए तो कुछ भी नहीं चल रहा है। काम खत्म करने के बाद कंप्यूटर भी बंद कर दिए जा रहे हैं। ताकि जेनरेटर पर लोड न पड़े। गौरतलब है कि कैंट बोर्ड कार्यालय में म्ख्.भ् केवीए का जेनरेटर लगा हुआ है। जिसमें डेली क्00 लीटर डीजल की खपत हो रही है।

ग्रांट का हो रहा है इंतजार

वहीं पीवीवीएनएल के बिल को भुगतान करने के लिए कैंट बोर्ड को अभी तक ग्रांट का इंतजार है। अधिकारियों का कहना है कि ग्रांट आने में दो हफ्ते का समय लग सकता है। तब तक हमारी पीवीवीएनएन के अधिकारियों से बात चल रही है। वहीं कैंट बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कैंट बोर्ड का कोई काम प्रभावित नहीं हो रहा है। सभी सिस्टम सुचारू रूप से चल रहे हैं।