मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू में बीते कई दिनों से कॉलेजों द्वारा एक्स्ट्रा फीस वसूलने, प्रैक्टिकल मार्कशीट आदि के नाम पर पैसा वसूलने समेत यूनिवर्सिटी के टीचर्स की डिग्री व कॉलेजों में फर्जी स्कॉलरशिप को लेकर शिकायतें आ रही थी। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को वीसी प्रो। संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें कॉलेजों की जांच की जांच के लिए दो समितियों का गठन किया गया।

तीन-तीन सदस्य शामिल
प्रत्येक समिति में तीन-तीन सदस्यों को शामिल किया गया है। इस मौके पर वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले छह जिलों को दो भागों में बांटा गया है। प्रत्येक समिति तीन-तीन जिलों के कॉलेजों की जांच करेगी।

अब चलेगा फार्मेसी कोर्स
मीटिंग में यह भी तय किया गया है कि नए सेशन में यूनिवर्सिटी कैंपस में फार्मेसी कोर्स भी शुरू होगा। इसकी विस्तृत रुपरेखा तैयार करने के लिए प्रो। एसएस गौरव और प्रो। शैलेंद्र शर्मा के अंडर में समिति बना दी गई हैैं। इसके अलावा 45 स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि देने का भी निर्णय लिया गया है। वहीं विभिन्न लंबित पड़े हुए मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए भी वीसी ने निर्देश दिए।

शोध को बढ़ावा देना
इस अवसर पर वीसी ने कहा कि हमारा मकसद शोध को बढ़ावा देना है और साथ ही स्टूडेंट्स के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाने हैं, ताकि स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन, रोजगार के अवसर मिलें।

ये रहे मौजूद
बैठक में प्रो। दर्शन लाल अरोड़ा, प्रो। अरुण सिंह, प्रो। हरिभाउ खंडेकर, प्रो। जयमाला, प्रो। संजय कुमार, प्रो। अजय विजय कौर, प्रो। अतवीर सिंह, प्रो। राहुल कुमार, डॉ। अशोक कुमार, डॉ। पवित्र देव, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त रमेश चंद्र, प्रेस प्रवक्ता प्रो। प्रशांत कुमार आदि मौजूद रहे।