- गलत कारणों से चर्चा में रहने वाले जुवेनाइल सेल में दिखा बड़ा परिवर्तन

- पांच बच्चों ने 10 वीं के लिए कराया रजिस्ट्रेशन, बुक्स मुहैया कराएगा डिपार्टमेंट

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sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : पिछले एक साल में जुवेनाइल सेल और उनमें रह रहे बच्चों की छवि जूनियर डॉन से कम नहीं बनी है। एक पुलिस वाले की मौत और 95 बच्चों के एक साथ भाग जाने के बाद तो आसपास के लोगों तक ने इस सेल को यहां से शिफ्ट करने की बात कर दी थी। ऐसे में एक परिवर्तन का फूल खिला है। आप जानेंगे तो चौंक जाएंगे। अपराध और अपराधियों की नर्सरी कहे जाने वाले इस सेल में शिक्षा की ज्योति जल उठी है। आगामी यूपी बोर्ड परीक्षाओं में इस सेल बच्चे बोर्ड परीक्षा देते हुए नजर आएंगे।

पांच बच्चे देंगे एग्जाम

जुवेनाइल सेल से पहली बार ऐसे पांच बच्चे सामने आए हैं जो आगामी यूपी एग्जाम में 10वीं क्लास का एग्जाम देंगे। डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि हमारे पास बच्चों की डिमांड आई थी। उसके बाद हमने उन पांच बच्चों के रजिस्ट्रेशन कराए। अब वो अपनी तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब जुवेनाइल सेल के बच्चे भी बोर्ड का एग्जाम दे रहे हैं।

किताबों की व्यवस्था

ऐसे बच्चों के लिए डिपार्टमेंट की ओर से टीचर्स और किताबों की विशेष व्यवस्था की है। वहीं ऐसे बच्चों को एक साथ रखा गया है कि ताकि दूसरे बच्चों के साथ रहकर उनकी पढ़ाई डिस्टर्ब न हो। पुष्पेंद्र सिंह ने इस बारे में बताया कि पांचों को एक ही सेल में रखा गया है। वहीं उनके पेरेंट्स को भी एश्योर कर दिया कि उनकी स्टडी मं किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। उनके खाने-पीने से लेकर तमाम बातों का ख्याल रखा जा रहा है।

नेगेटिव बनी छवि

पिछले कुछ सालों में जुवेनाइल सेल की छवि काफी खराब हुई है। पिछले साल समय-समय पर सेल की दीवारों को फांदकर भागना, बुलंदशहर के सिपाही को पीट-पीटकर मारना, सेल के कर्मचारियों की पिटाई करना, सेल के हंगामा कर आसपास के लोगों को परेशान करने जैसी बातें सामने आ चुकी है। आसपास के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से सेल को जिला कारागार के पास शिफ्ट करने की डिमांड की थी। अगर मौजूदा समय में बच्चों की स्ट्रेंथ की बात करें तो 32 है।

बच्चों और उनके पेरेंट्स ने डिमांड की तो हमने ऐसे पांच बच्चों के 10वीं यूपी बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराया है। पढ़ाई का माहौल देने के लिए हमने बच्चों को एक साथ रखा है और किताबें और टीचर्स भी मुहैया भी कराई हैं।

- पुष्पेंद्र सिंह, डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर, मेरठ

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आश्रम पद्धति में पढ़ रहे सात बच्चे

वहीं रेस्क्यू कर बाल गृह में लाए जाने वाले बच्चों को भी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था की हुई है। बाल गृह के ऐसे 7 बच्चे हस्तिनापुर स्थित आश्रम पद्धति के स्कूल में पढ़ने के साथ वहीं हॉस्टल में रह भी रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो ये सभी सातों बच्चे स्कूल में पांचवीं से सातवीं तक की क्लासेज में शिक्षा ले रहे हैं।