मेरठ (ब्यूरो)। शहर में पब्लिक टॉयलेट तो बनाए गए हैं। लाखों रुपए का बजट भी खर्च किया गया, लेकिन रखरखाव न होने से पब्लिक टॉयलेट बद से बदतर हो गए हैं। वहीं, शहर में मुख्य बाजारों में पब्लिक टॉयलेट न होने से महिलाओं को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां निशुल्क सार्वजनिक शौचालयों को गंदगी के बीच इस्तेमाल करना आमजन की परेशानी बन चुका है।

अभियान में उठाईं समस्याएं
शहर में बदहाल पब्लिक टॉयलेट की प्रॉब्लम को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अभियान चलाया था। कैंपेन के दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। हरपाल सिंह ने लोगों की समस्या को सुना और समाधान करने का आश्वासन दिया।

आम लोगों का सहयोग जरूरी
सवालों के जवाब देते हुए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। हरपाल सिंह ने कई बिंदुओं पर विचार रखे। पब्लिक टॉयलेट में गंदगी की बात पर उन्होंने कहा कि पब्लिक टॉयलेट को आम लोगों के लिए बनाया गया है। इसलिए रखरखाव और साफ सफाई में आमजन का भी सहयोग बहुत जरुरी है।

सवाल- सूरजकुंड पार्क के पास पब्लिक टॉयलेट बना है, लेकिन 4 साल से वहां ताला बंद है। यह कब खुलेगा।
- अरुण वर्मा

जवाब- इसको दिखवाया जाएगा कि यह क्यों बंद है। संभवत: निर्माण कार्य अभी अधूरा है इसलिए इसको पब्लिक के लिए खोला नही गया है।

सवाल- मवाना बस अड्डे के पास पब्लिक यूरिनल की स्थिति बहुत खराब है। यहां गंदगी पसरी रहती है। कुछ व्यवस्था करिए।
- मनीष

मवाना बस डिपो पर रोजाना सफाई कराई जाती है। इसका निरीक्षण किया जाएगा कि ऐसी स्थिति क्यों है।

सवाल- शारदा रोड पर पब्लिक टॉयलेट की हालत खराब है। यहां पानी तक की व्यवस्था नहीं है। इस पर कुछ ध्यान दीजिए।
- अमित अग्रवाल

जवाब- शारदा रोड पर बने पब्लिक टॉयलेट में पानी की व्यवस्था की जांच की जाएगी और जल्द चालू कराया जाएगा।

सवाल- बाजारों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की सुविधा होनी चाहिए। इनकी संख्या अभी कम क्यों है।
- अकरम गाजी

जवाब- बाजारों में जगह की उपलब्धता की समस्या है। व्यापारियों के सहयोग से इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

सवाल- जहां-जहां शुल्क वाले सुलभ शौचालय हैं वहां आसपास निशुल्क शौचालयों की हालत अत्याधिक खराब है।
- विशाल शर्मा

जवाब- ऐसा नही है कि सुलभ शौचालयों तक ही साफ सफाई सीमित है। गंदगी की समस्या जहां-जहां है वहां सफाई कराई जाएगी।

सवाल- शहर में निशुल्क महिला शौचालय नही है। इनकी संख्या बढऩी चाहिए।
- दीपक वर्मा

जवाब- पिंक व सुलभ शौचालयों की संख्या बढाकर इस समस्या को दूर किया जाएगा।

सवाल- सर्राफा बाजार में यूरिनल की उपलब्धता बहुत कम है। एक यूरिनल के ऊपर बिजली का ट्रांसफार्मर रखा है जो कि रिस्की है।
- मनोज गर्ग

जवाब- सर्राफा बाजार में जगह की बहुत कम है। जगह उपलब्धता के बाद ही यूरिनल बनाया जाएगा।

सवाल- सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी के कारण उनका इस्तेमाल भी नही हो पाता है।
- रवि कुमार

जवाब- इसके लिए सफाई कर्मचारियों की दो टाइम डयूटी लगा दी गई है। साथ ही निरीक्षण कर व्यवस्था को सुधारा जाएगा।

सवाल- लोगों की सुविधा के लिए शहर के सभी पार्कों में यूरिनल और महिला टॉयलेट जरुरी है।
- अमित तोमर

जवाब- शौचालय अधिकतर पार्क या पार्क के बाहर बने हुए हैं जहां नही हैं जगह की जानकारी दें बनवा दिया जाएगा।

सवाल- आरटीओ रोड पर यूरिनल व पब्लिक टॉयलेट की व्यवस्था नही है।
- विनोद शर्मा

जवाब- यहां आवास विकास से बात कर जगह की तलाश की जाएगी। जगह की उपलब्धता के आधार पर शौचालय बनवाया जाएगा।

सवाल- बाजारों के बाहर बोर्ड लगाकर बाजारों के अंदर उपलब्ध यूरिनल व शौचालयों की लोकेशन दी जानी चाहिए।
- सुशील पटेल

जवाब- इस व्यवस्था के लिए बोर्ड तैयार कराए जाएंगे, जल्द इस व्यवस्था को लागू कराया जाएगा।

सवाल- मेडिकल कॉलेज के बाहर निशुल्क यूरिनल अत्याधिक गंदा रहता है महिलाओं के लिए व्यवस्था तक नही है।
- विशाल शर्मा

जवाब- इस व्यवस्था को सही कराया जाएगा। जहां तक मेडिकल के अंदर की बात है नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है।

सवाल- बाजारों में महिलाओं के लिए पुरुषों से अलग यूरिनल की व्यवस्था होनी चाहिए।
- नीलम

जवाब- यूरिनल के लिए जगह की तलाश कर महिलाओं के लिए यह सुविधा शुरु कराई जाएगी।