एमडीए द्वारा 450 लाख की लागत से कराया जाना है ग्राउंड का विकास

- आर्किटेक्ट कंपनी के भुगतान को लेकर अटका मामला, लिखा पत्र

Meerut। सालों से बेकद्री का शिकार नौचंदी मैदान के विकास में एक बार फिर अड़ंगा लग गया है। इस बार नौचंदी में प्रस्तावित विकास कार्यो में अड़चन संबंधित आर्किटेक्ट कंपनी की फीस का भुगतान बनी है। ग्राउंड के विकास का डिजाइन तैयार कर चुकी कंपनी की फीस को लेकर एमडीए ने कमिश्नर को पत्र लिखा है।

450 लाख का बजट प्रस्तावित

कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई अवस्थापना बैठक में नौचंदी मैदान के विकास के 450 लाख का बजट रखा गया है। जबकि इसके लिए एमडीए को कार्यदायी संस्था नियुक्त किया गया है। जबकि ग्राउंड में कार्यो के डिजाइन के लिए गाजियाबाद की एक आर्किटेक्ट कंपनी को नियुक्त किया गया था।

यहां अटका कार्य

एमडीए के अनुसार के कमिश्नर आलोक सिन्हा की ओर से अर्किटेक्ट कंपनी को नि:शुल्क सेवा देने के लिए नियुक्त किया गया था। अब जबकि ग्राउंड को लेकर एक रॉ डिजाइन भी बनकर तैयार हो चुका है। ऐसे में कंपनी ने अपनी फीस को लेकर एमडीए से संपर्क किया है। एमडीए एसई शबीह हैदर ने बताया कि फीस की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण कंफ्यूजन की स्थिति बन गई है।

बॉक्स

ये हैं प्रस्तावित कार्य

हैंडीक्राफ्ट को मिलेगा बढ़ावा

नौचंदी मैदान के नए स्वरूप के अंतर्गत यहां आर्टिजन सेंटर का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए एमडीए ने 250 लाख का बजट रखा है। आर्टिजन सेंटर में मेरठ व वेस्ट यूपी के साथ समूचे देश के हस्तशिल्पी अपने उत्पादों की झलक दिखा सकेंगे।

एम्फी थियेटर में बनेगी 2500 सीट

ग्राउंड के बीचोंबीच 60 लाख की लागत से एक एम्फी थियेटर का निर्माण कराया जाएगा। जहां स्पोर्ट्स से लेकर शहर के कल्चरल प्रोग्राम का आयोजन किया जा सकेगा।

पटेल मंडप का होगा कायापलट

नौचंदी मैदान स्थित पटेल मंडप के जीर्णोद्धार के लिए 1.25 करोड़ की रकम रखी गई है। इस रकम से मंडप के विकास के साथ-साथ स्टेज और आधुनिक साउंड सिस्टम फिट कराया जाना है। नए मॉडल के अनुसार केवल नौचंदी मेला ही नहीं अन्य कार्यक्रमों के लिए पटेल मंडल का इस्तेमाल किया जा जाना है।

अब कंपनी कर रही डिमांड

प्रशासन की ओर से नौचंदी ग्राउंड के डिजाइनिंग का कांट्रेक्ट जागेश आर्किटेक्ट कंपनी को दिया गया था। एमडीए एसई शबीह हैदर ने बताया कि अपस्थापना निधि की बैठक में कमिश्नर की ओर से कंपनी को यह कार्य निशुल्क करने की जिम्मेदारी दी थी। अब जबकि कार्य का फाइनल डिजाइन बनना शेष है। ऐसे में कंपनी की ओर से फीस की डिमांड की जा रही है।

आर्किटेक्ट कंपनी की फीस को लेकर थोड़ा कंफ्यूजन है। ऐसे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कमिश्नर कार्यालय को पत्र लिखा गया है।

-शबीह हैदर, एसई एमडीए