मेरठ ब्यूरो। वैसे तो सिटी के ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए आईटीएमएस यानि इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग किया जाता है, लेकिन अब इसी सिस्टम क्रिमिनल्स को भी टे्रस करने में हेल्प करेगा। यही नहीं, आईटीएमएस कैमरों से ट्रैफिक की सुगमता के साथ-साथ संदिग्ध एक्टिविटी पर भी नजर रखी जाएगी। इसके लिए नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस और पुलिस डिपार्टमेंट ने प्लानिंग शुरू कर दी है। मेन प्वाइंट पर लगेंगे कैमरे इस योजना के तहत सिटी के सभी एंट्री और एग्जिट पाइंट पर ऑटोमैटिक फेस रिकॉग्नाइज्ड कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। इसके साथ ही व्हीकल्स की नंबर प्लेट रिकॉग्नाइज्ड कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों का सीधा कनेक्शन निगम कंट्रोल रूम से लेकर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट से रहेगा। हर एक्टिविटी पर नजर अब इस आईटीएमएस से सिटी की हर एक्टिविटी पर कंट्रोल रूम की नजर रहेगी। साथ ही सही समय पर संदिग्ध व्यक्ति को पहचान करके पुलिस एक्शन करेगी। दरअसल, यह प्लान सेफ सिटी योजना के तहत कराया जा रहा है। वहीं, भारत सरकार का गृह मंत्रालय सारी योजना की मॉनिटरिंग कर रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक होम मिनिस्ट्री के जुडऩे से सिटी के क्राइम को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

क्रिमिनल्स का डेटा जुड़ेगा
इस योजना के तहत आईटीएमएस को जिले के अपराधियों के डाटा से अपडेट किया जाएगा। इसके तहत सभी प्रमुख वांटेड या तड़ीपार अपराधियों का डाटा आईटीएमएस से शेयर किया जाएगा। ताकि सदिग्धों की तलाश के दौरान आईटीएमएस चौराहों की मदद ली जा सके। इसके अलावा शहर में कोई संदिग्ध गाड़ी आती है (जिसका नंबर आईटीएमएस के पास है) तो वह चिह्नित हो जाएगी। एनपीआर कैमरे से इसे ट्रैक कर पकड़ा जा सकेगा। वहीं, पुलिस की ओर से दिए गए नंबर की गाड़ी जैसे ही कैमरे की निगाह में आएगी, उसका पता चल जाएगा। पीटीजेड कैमरे करेंगे पहचान इस योजना के तहत पीटीजेड (पैन टिल्ट जूम) और बुलेट कैमरे ( एक दिशा में नजर रखने वाले) लगाए जाएंगे। पीटीजेड कैमरे चौराहों पर बीचों-बीच लगेंगे। यह कैमरा 360 डिग्री पर घूमेगा। 24 घंटे रिकार्डिंग करेगा। इससे चौराहे से गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति के चेहरे को पहचाना जा सकता है। जबकि बुलेट कैमरे शहर के सभी एंट्री प्वाइंट पर लेगेंगे। चौराहों व तिराहों पर रेड लाइट के पास बुलेट कैमरे सड़क की दिशा में लगाए जाएंगे। इसके अलावा बुलेट कैमरे प्रमुख पार्क, बाजारों, विवि परिसर, कालेज, स्कूल, सरकारी संस्थान समेत संवेदनशील स्थानों पर लगाए जाएंगे। यहां है आईटीएमएस शहर के बच्चा पार्क, कमिश्नरी आवास, जेलचुंगी, तेजगढ़ी, गांधी आश्रम, हापुड़ अड्डा, कमिश्नरी कार्यालय और एल ब्लाक व डिग्गी तिराहे पर आइटीएमएस लागू है।

ऐसे काम करता है सिस्टम
शहर के चौराहों और तिराहे पर लगे आईटीएमएस सीधे नगर निगम में बने कंट्रोल रूम से जुड़े हैं।
अभी कंट्रोल रूम से ही शहर के ट्रैफिक सिस्टम को संचालित किया जा रहा है
वहीं, इस कंट्रोम रूम का सर्वर लखनऊ से जुड़ा है।
इन चौराहों पर ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने पर ऑटोमेटिक ई-चालान कटता है
इसके अलावा इन चौराहों पर इमरजेंसी कॉल बाक्स लगाए गए हैं।
इन इमरजेंसी कॉल बॉक्स के जरिए आकस्मिक जरूरत पर कॉल कर सकते हैं
निगम के कंट्रोल रूम से तुरंत एंबुलेंस या पुलिस की मदद मिलती है।

गृह मंत्रालय की सेफ सिटी योजना के तहत सर्विलांस सिस्टम को आईटीएमएस के साथ अपडेट किया जा रहा है। इन चौराहों पर यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों का लगातार चालान किया जा रहा है। अब अपराधियों की निगरानी के लिए सिस्टम को अपडेट किया जाएगा।
अमित शर्मा, अधिशासी अभियंता, नगर निगम

इस व्यवस्था पर काम चल रहा है इसके लिए फेस रिकॉग्नाइज्ड सॉफ्टवेयर को एड किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर संदिग्ध चेहरों की पहचान कर सकेगा। ताकि किसी भी प्रकार के आपराधिक या वाटेंड शख्स की मूवमेंट को ट्रैक किया जा सके।
जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक