ब्लड बैंक्स में निगेटिव ग्रुप्स की सबसे अधिक किल्लत
कोविड-19 के दौरान ब्लड डोनेशन कैंप्स न लगने से परेशानी
Meerut । ब्लड देकर मरीजों की जान बचाने वाले शहर के ब्लड बैंक्स इन दिनों खुद वेंटीलेटर पर आ गए हैं। सरकारी और प्राइवेट, सभी की स्थिति लगभग एक जैसी हो गई है। मरीजों का प्रेशर बढ़ते ही इनकी हालत चरमरा गई है। आलम यह है कि इन दिनों ब्लड बैंक मिनिमन स्टॉक तक मेंटेन नहीं कर पा रहे हैं। जबकि ब्लड को लेकर लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है।
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ये है स्थिति
कोरोना काल की वजह से जिले के बल्ड बैंक्स में पिछले सालों की तुलना में 20 प्रतिशत भी ब्लड डोनेट नहीं हो पाया। 9-10 महीने बाद भी लोगों ब्लड डोनेशन के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं। शहर के लगभग सभी ब्लड बैंक में निगेटिव ब्लड ग्रुप का टोटा चल रहा है। कई ब्लड बैंक्स तो ऐसे हैं जिनके स्टॉक में इन ग्रुप्स की एक यूनिट तक नहीं हैं। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज व प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में ए-निगेटिव, बी-निगेटिव, एबी-निगेटिव, ओ-निगेटिव का स्टॉक पूरी तरह से जीरो हैं। जबकि होल ब्लड कोम्पोनेंट्स की भी भारी कमी है।
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डिमांड 80 प्रतिशत, सप्लाई 20 प्रतिशत
ब्लड बैंक के अधिकारियों के मुताबिक, अनलॉक के बाद सभी स्वास्थ्य सेवाएं चालू हो गई हैं। मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है। ब्लड की डिमांड 80 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है जबकि सप्लाई का रेट 20 प्रतिशत तक ही बन पा रहा है। ब्लड बैंक्स मरीजों को बिना एक्सचेंज ब्लड नहीं दे पा रहे हैं।
ये हैर्1 आंकड़े
मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक
बल्ड ग्रुप-होलब्लड-पीआरबीसी
ए पॉजिटिव - 0-0
बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप- 0-10
एबी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप-0-8
ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप-20-40
निगेटिव ब्लड ग्रुप
ए निगेटिव- 0-0
बी निगेटिव- 0-0
एबी निगेटिव- 0-0
ओ निगेटिव-0-0
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जिला अस्पताल
बल्ड ग्रुप-होलब्लड-पीआरबीसी-
ए पॉि1जटिव - 1-47
बी पॉि1जटिव - 3-28
एबी पाॅजिटिव -0-0
ओ पाॅजिटिव 3-13
निगेटिव ब्लड ग्रुप
ए निगेटिव - 0-0
बी निगेटिव - 0-2
एबी निगेटिव - 0-0
ओ निगेटिव -0-0
(स्टॉक सोमवार, 3 दिसंबर का है)
फैक्ट फाइल
- 16 ब्लड बैंक हैं मेरठ में
- 2 ब्लड बैंक सरकारी हैं।
- 14 ब्लड बैंक प्राइवेट हैं।
- 250 यूनिट से ज्यादा रोजाना डिमांड होती है मेडिकल कॉलेज में
- 50-60 यूनिट से ज्यादा रोजाना डिमांड है जिला अस्पताल में
- 10-12 यूनिट की डिमांड रोजाना निगेटिव ब्लड ग्रुप की आती है दोनों ब्लड बैंक्स में
ये हैं ब्लड डोनेट करने के नियम
- ई-रक्त कोष ऐप के जरिए डोनर्स खुद को रजिस्टर्ड करा सकते हैं।
- 18 से 65 वर्ष के लोग ब्लड डोनेट कर सकते हैं।
- ब्लड डोनर का हीमोग्लोबिन 12.5 एवं वजन 45 किग्रा से कम नहीं होना चाहिए।
- हर तीन महीने के बाद किया जा सकता है ब्लड डोनेट।
- ब्लड डोनेट खाली पेट नहीं करें।
- ब्लड डोनेट के बाद 24 घंटे तक धूम्रपान, तंबाकू, शराब का सेवन नहीं करें।
- 24 घंटे तक कोई भारी वजन नहीं उठाएं, खासकर जिस हाथ से रक्त निकला गया हो।
- दो घंटे तक साइकिल, बाइक नहीं चलाएं।
- गर्मी के दिनों में ब्लड डोनेट करने के बाद अगले तीन घंटे तक धूप में नहीं निकलें।
- ब्लड डोनेट के बाद पौष्टिक एवं स्वस्थ आहार अवश्य लें, खाली पेट नहीं घूमें।
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ब्लड डोनर्स हमेशा ऑन कॉल उपलब्ध रहते हैं। हालांकि कोरोना काल में ब्लड डोनेशंस कैंप बहुत कम हो गए हैं। एक बार फिर डिमंाड बढ़ी है। किसी तरह मैनेज कर रहे हैं। मरीजों को भी डिमांड ग्रुप का डोनर उपलब्ध कराना होता है। अगर स्टॉक बिल्कुल नहीं होता है तो मरीज के डोनर का ही ब्लड उपलब्ध करा दिया जाता है।
डॉ। कौशलेंद्र, ब्लड बैंक इंचार्ज, प्यारेलाल जिला अस्पताल