-मेरठ में नहीं हो रही पॉली बैग के इस्तेमाल पर कार्रवाई

-सरकारी विभाग एक दूसरे के पाले में फेंक रहे गेंद

-पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट ने कहा मेरठ में नहीं कोई निर्माता

Meerut: शासन की ओर से भले ही पॉलीथिन पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया गया है, लेकिन मेरठ में इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। शासनादेश के बेअसर होने के पीछे का कारण शहरवासियों की अज्ञानता नहीं, बल्कि सरकारी विभागों की निष्क्रियता है। पॉलीथिन बैन को चार दिन से अधिक का समय हो गया है, बावजूद इसके सरकारी अफसर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं।

कार्रवाई के नाम पर 'शून्य'

दरअसल, प्रदेश में पॉलीथिन पर पूर्ण रूप से बैन करने के लिए शासन ने सरकारी बॉडी को जिम्मेदारी सौंपी थी। इसमें मुख्य जिम्मेदारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को दी गई थी। इसके आलावा नगर निगम, आयकर विभाग, जिला प्रशासन, तहसील व नगर निकायों को भी अपने स्तर पर अभियान शुरू करने के आदेश दिए गए थे। ताज्जुब की बात यह है कि शासन की सख्ती और इतना बड़ा सरकारी अमला होने के बावजूद भी शहर में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

फुटबाल बनी जिम्मेदारी

चौंकाने वाली बात तो यह है कि पॉलीथिन निर्माताओं और विक्रेताओं पर कार्रवाई तो दूर सरकारी विभाग इसकी जिम्मेदारी लेने तक को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि शहर में पॉलीथिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। संबंधित विभागों से जब इस संबंध में जानकारी की जाती है तो वो इसको एक दूसरे विभाग की जिम्मेदारी बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

हम केवल सहयोगी संस्था हैं। इसमे मुख्य भूमिका पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की है। पॉल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट कार्रवाई करे तो उसमें हम सहयोगी की भूमिका निभाएंगे।

उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त

शहर में कोई पॉलीथिन निर्माता नहीं है। वैसे भी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पास स्टॉफ की कमी है। नगर निगम और जिला प्रशासन समेत अन्य विभागों के पास पर्याप्त स्टॉफ है। वो कार्रवाई कर सकते हैं।

बीबी अवस्थी, क्षेत्रीय अफसर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड