- शुक्रवार से रविवार तक लाखों लोगों ने किए माता मरियम के दर्शन

Sardhana : 'कृपाओं की माता' मरियम के दरबार में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। महोत्सव में लाखों श्रद्धालुओं ने माता मरियम की चमत्कारी तस्वीर के दर्शन कर मन्नत मांगी। हालांकि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बीते वर्ष से कम रही। माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ा। इस अवसर पर देश में सुख शांति और बीमारों के स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की गई।

दरबार में लगा रहा तांता

माता मरियम के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में रविवार सुबह तेजी आ गई। दो दिवसीय महोत्सव में शुक्रवार से रविवार शाम तक लाखों श्रद्धालुओं ने माता मरियम के दरबार में पहुंचकर मन्नत मांगी। इस बार बीते वर्ष के मुकाबले कम संख्या में श्रद्धालु चर्च पहुंचे। माता मरियम की चमत्कारी तस्वीर के दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह 5 बजे से ही लंबी कतारों में लग गए। लाइन में लगे श्रद्धालुओं को घंटों के इंतजार के बाद माता मरियम के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। चर्च के बाहर तक श्रद्धालुओं को लाइन लगानी पड़ी।

प्रार्थना स्थल पहुंचे

इस दौरान सुबह छह बजे प्रथम खीस्तयाग (प्रार्थना सभा) व 8 बजे द्वितीय खीस्तयाग में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। धर्माध्यक्षीय समारोही खीस्तयाग 10 बजे शुरू हुआ, जिसमें झांसी धर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर पारप्पुल्लिल मुख्य अतिथि रहे। मेरठ धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष फ्रांसिस कलिस्ट, सेवानिवृत धर्माध्यक्ष पैट्रिक नायर, फादर केवी जॉर्ज, पल्ली पुरोहित फादर जॉन मेंडोंसा व कई प्रांतों से आए धर्मगुरुओं ने प्रार्थना सभाओं में भाग लिया।

दूसरे की मदद का संदेश

समारोह में अपने संबोधन में धर्माध्यक्ष पीटर पारप्पुल्लिल ने कहा कि कृपाओं की माता मरियम ईश्वरीय ज्ञान और कृपा से परिपूर्ण थी। उन्होंने दुनिया को संवेदनशीलता व आगे बढ़कर दूसरों की मदद करने का संदेश दिया। उन्होंने मुक्तिदाता को जन्म दिया। दुनिया के लिए अपना पुत्र समर्पित कर दिया। सभी प्रार्थना करो ईश्वर स्वर्ग से कृपा बरसा देंगे। इस अवसर पर माता मरियम के भजन, माला विनती, मिस्सा बलिदान के बाद परम प्रसाद का वितरण हुआ। समारोह में बीमारों तथा अपनी अर्जी भेजने वालों के लिए विशेष प्रार्थना की गई। अपराह्न तीन बजे चर्च परिसर से संत पोल ग्रेगोरी 16वें द्वारा बेगम को भेंट किए गए तर्बरूक (रेलिक) के साथ चर्च से बेगम के महल (संत चा‌र्ल्स) तक शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। जुलूस में सबसे पीछे श्रद्धालु पालकी में 'कृपाओं की माता' की तस्वीर लेकर चल रहे थे।