-दो दिन पूर्व किसानाें ने चेयरमैन पर लगाया था अभद्रता का आरोप

-चेयरमैन ने किसानों के खिलाफ दिया धरना

Mawana : दो दिन पहले चेयरमैन गन्ना समिति और तहसील में धरनारत किसानों के बीच हुई तकरार तूल पकड़ती जा रही है। आरोप-प्रत्यारोप से शुरू हुई रार बुधवार को धरना-प्रदर्शन में तब्दील हो गई। चेयरमैन ने तहसील परिसर में किसान नेता के खिलाफ धरना दिया। जबकि किसानाें ने गन्ना भुगतान को लेकर विधायक निवास पर सांकेतिक धरना दिया। किसानाें की मांग पर विधायक ने सीएम को मेरठ आगमन पर पत्र देकर मामले से अवगत कराने की बात कही है।

ऐसे शुरू हुआ विवाद

तहसील में धरनारत किसान मजदूर उत्थान मोर्चा के अध्यक्ष शौकीन गुर्जर अपने कुछ किसान साथियों के साथ गन्ना समिति कार्यालय में चेयरमैन विनोद भाटी और सचिव अनिल कुमार से भुगतान के संबंध में मिलने पहुंचे थे। दोनों के बीच वहीं विवाद हो गया और दोनों ओर से एक दूसरे पर आरोप लगाए गए।

किसान नेता पर बीस लाख मांगने का आरोप

चेयरमैन विनोद भाटी ने बताया कि दो तारीख को वह समिति कार्यालय में सचिव अनिल कुमार के साथ बैठे हुए थे। तभी किसान शौकीन गुर्जर, देव शर्मा, परमजीत, अनेश आदि गन्ना समिति कार्यालय में पहुंचे और भुगतान के संबंध में बात की। किसानों ने उनसे भी वार्ता की और कहा कि वे धरना खत्म करना चाहते हैं। आरोप है कि किसानों ने चेयरमैन से शुगर मिल से बीस लाख रुपए दिलवाने और चार लोगों की नौकरी लगवाने को कहा और ऐसा करने से मना करने पर किसानों ने वहां मौजूद मेंबर संजय राणा पर भी अभद्र टिप्पणी कर दी। उसके बाद देव शर्मा आदि ने मीडिया में झूठे आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ बयानबाजी की।

नहीं मांगे रुपए, हुई अभद्रता

किसान नेता शौकीन गुर्जर ने कहा कि उन्होंने या उनके किसी किसान साथी ने रुपए नहीं मांगे। बल्कि उनके साथ तो उल्टी ही अभद्रता हुई। आरोप लगाया कि चेयरमैन ने धरना खत्म नहीं करने पर उन्हें भुगत लेने की धमकी दी। आरोप है कि पिछले साल समिति में चल रहे धरने को भी चेयरमैन ने जबरन उठवा दिया था। तभी से चेयरमैन उनके रंजिश रखते हैं। उन्होंने तो बुधवार को विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि के निवास पर भुगतान की मांग को लेकर सांकेतिक धरना दिया। उनकी मांग पर विधायक ने सीएम को जल्द से जल्द भुगतान कराने को लेकर पत्र लिखा है। जिसे सीएम के मेरठ आगमन पर दिया जाएगा।