-वेदव्यासपुरी में एमडीए ने कब्जा मुक्त कराए थे भूखंड

-जमीन पर किसानों ने बताया सिविल कोर्ट का स्टे, जांच शुरू

Meerut: दो दिन पूर्व एमडीए द्वारा वेदव्यासपुरी में खाली कराए गए भूखंड प्रकरण में डीएम ने जांच बैठा दी है। किसानों की शिकायत पर डीएम पंकज यादव ने एमडीए सचिव को प्रकरण की जांच कराने के निर्देश देते हुए स्पष्ट रिपोर्ट तलब की है। किसानों का कहना है कि संबंधित जमीन पर स्टे आर्डर है। बावजूद इसके एमडीए ने जमीन खाली करा दी। एमडीए इस मामले में विधिक राय लेने में जुटा है।

32 भूखंडों का प्रकरण

दरअसल, वेदव्यासपुरी योजना में एमडीए ने प्लाटिंग कर जमीन बेची थी। जबकि डिवाइडर रोड स्थित बेशकीमती 32 भूखंडों पर किसानों का कब्जा चला आ रहा था। हालांकि ये प्लाट एमडीए ने लाभार्थियों को आवंटित भी कर दिए थे, लेकिन किसानों के सामने आवंटियों की एक न चली। दो दिन पूर्व एमडीए टीम ने पुलिस बल के साथ इन प्लाटों से जबरन कब्जा हटवाया था। यहां किसानों का कहना है कि जमीनी विवाद को लेकर उनके पास सिविल कोर्ट से स्टे प्राप्त है। बावजूद इसके एमडीए ने जबरन कब्जे हटवाए हैं।

डीएम ने बैठाई जांच

शनिवार को योजना के नितिन व मुकेश आदि किसान एकजुट होकर डीएम पंकज यादव से मिले। किसानों ने डीएम के समक्ष जमीन संबंधी समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए सिविल कोर्ट द्वारा दिए स्टे आर्डर की प्रति दिखाई। किसानों की समस्या का संज्ञान लेते हुए डीएम ने इस मामले की जांच एमडीए सचिव कुमार विनीत को सौंपी है। डीएम ने स्पष्ट कहा कि यदि जमीन किसानों की है तो इस संबंध में कोई ज्यादती न की जाए। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

इस प्रकरण में डीएम से जांच के निर्देश प्राप्त हुए हैं। संबंधित जांच जोन प्रभारी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट डीएम को भेज दी जाएगी।

कुमार विनीत, सचिव एमडीए