- बंगाली दुर्गाबाड़ी सोसाइटी सदर में मेरठ की सबसे बड़ी दुर्गा पूजा का होता है आयोजन

- जन्माष्टमी से ही हो जाती है यहां मूर्ति बनने की तैयारी, कोलकाता से आते हैं मूर्तिकार

Meerut : मेरठ की सबसे बड़ी दुर्गापूजा सदर स्थित बंगाली दुर्गाबाड़ी सोसाइटी मंदिर में आयोजित की जाती है। इस बार यहां 209 वीं दुर्गापूजा का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर की खास बात यह हैं यहां की दुर्गापूजा के लिए सजावट से लेकर भोग तक की तैयारी सोसाइटी के सदस्य खुद ही करते हैं।

पांचवीं पीढ़ी कर रहा आयोजन

मंदिर में पूजा का आयोजन इसबार पांचवी पीढ़ी कर रही है। यहां हर साल दुर्गापूजा कमेटी के लिए चुनाव भी किया जाता है। मंदिर में दुर्गापूजा के लिए विशेष रूप से कोलकाता के पंडित को ही बुलाया जाता है। पूजा सेकेट्री एस मुखर्जी ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने 1807 में मेरठ में दुर्गापूजा का शुभारंभ किया था। पूजा के लिए हर साल मां दुर्गा की मूर्ति बनवाई जाती है, जिसे हर साल विसर्जन के लिए सरधना नानू की नहर पर ले जाया जाता है।

कोलकाता से आते हैं मूर्तिकार

मूर्ति को बनाने के लिए जन्माष्टमी से ही तैयारी शुरू हो जाती है, जिसके लिए स्पेशल कोलकाता के मूर्तिकारों को बुलाया जाता है। एस मुखर्जी ने बताया कि पूजा 19 से प्रारंभ होने वाली है और 22 को मूर्ति विसर्जन होगी। पूजा की सजावट से लेकर भोग भी सोसाइटी के सदस्यों व उनके परिवारजनों द्वारा ही तैयार किया जाता है।

धुनुची डांस है महत्वपूर्ण

एस मुखर्जी ने बताया कि पूजा में हमारे पूर्वजों की चली आ रही प्रथा धुनुची डांस का आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, जिसमें धुनों जो एक प्रकार की सुगंध डालकर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है इन दिनों में मां दुर्गा अपने माइके आती हैं, उनके आने की खुशी में भक्तों द्वारा वातावारण को शुद्ध एवं खुशनुमा बनाने के लिए यह डांस किया जाता है।

होंगे कार्यक्रम

मंदिर में 19 अक्टूबर से पूजा का आरम्भ किया जाएगा। पूजा सुबह से ही शुरू हो जाएगी। 22 की सुबह पहले दस बजे सिंदूरदान होगा और उसके बाद मां के विसर्जन की तैयारी होगी और दोपहर एक बजे मूर्ति विसर्जन यात्रा निकलेगी।

मोहिनी, सदस्य, बंगाली दुर्गाबाड़ी सोसाइटी सदर