- जिला पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस ने शुरू की रणनीति

- हर बूथ के आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया जाएगा

- सोशल मीडिया सेल के थ्रू रहेगी वॉट्सएप और फेसबुक पर विशेष नजर

Meerut : जिला पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है। वेस्ट यूपी में इस बार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राम मंदिर के फैसले के वक्त सुरक्षा को लेकर बनाई गई रणनीति अपनाने का फैसला लिया है। सुरक्षा को लेकर पुलिस रेंज और जोन के आलाधिकारी जिलों के सभी कप्तानों से बातचीत करने में जुटे हैं। इस बार वेस्ट यूपी के करीब आधा दर्जन जिलों को अति संवेदनशील घोषित कर दिया है, जिसमें मेरठ का नाम सबसे ऊपर है।

जैसे तब हुई थी सुरक्षा

पुलिस अफसरों का सबसे ज्यादा फोकस कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर है। इसके लिए फैसला किया गया है कि ग्राम पंचायत चुनाव में इस बार ठीक उसी तरह का पुलिस प्रबंधन किया जाएगा, जैसा राम मंदिर के फैसले के दौरान किया गया था। इसके लिए उन पुलिस अफसरों से भी विचार विमर्श किया जा रहा है, जिनके निर्देशन में सुरक्षा का खाका खींचा गया था। कप्तानों ने अपने-अपने जिलों की भौगोलिक, जातिगत और सांप्रदायिक स्थिति के अनुसार केंद्रीय बलों की जरूरत को लेकर भी छानबीन शुरू कर दी है।

ऐसी होगी सुरक्षा व्यवस्था

ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान हर ब्लॉक में बूथ के आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया जाएगा। इसमें दो प्वांइट पर जिला पुलिस और एक प्वांइट पर केंद्रीय बलों के जवानों को तैनात किया जाएगा। हर स्तर की निगरानी के लिए सीनियर अफसर की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

70 फीसदी पुलिस बल रहेगा तैनात

जिला पंचायत चुनाव में हर जिले का 70 फीसदी पुलिस बल तैनात किया जाएगा। ऐसे में होमगार्ड के जवानों की भूमिका अहम होगी। हर जिले से पुलिसकर्मियों का ब्योरा मांगने के साथ ही होमगार्ड मुख्यालय से वहां के जवानों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। शासन ने चौकीदारों के खाली पदों को शीघ्र भरने के भी निर्देश दे दिए हैं।

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सोशल मीडिया पर रहेगी विशेष नजर

मेरठ में सोशल मीडिया की एक विशेष सेल गठित की जा रही है। इसके जरिए ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान वॉट्सएप और फेसबुक से भड़काऊ मैसेज भेजने वालों पर नजर रखी जाएगी। इनमें प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इसके अलावा चुनाव के दौरान ज्यादातर पत्राचार ई-मेल के जरिए ही किया जाएगा।

माहौल बिगाड़ेगा सोशल मीडिया

जिला पंचायत चुनाव के दौरान हाईटेक पुलिस की भी तैयारी है। माना जा रहा है कि हर बार की तरह इस बार भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति सामने आएगी। इसीलिए पुलिस अफसरों ने सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वालों से निपटने की तैयारी कर ली है। सेल में ऐसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा जो कंप्यूटर की ट्रेनिंग लेने के साथ आधुनिक तकनीकि में दक्ष हों। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने यह व्यवस्था इसलिए की है क्योंकि इस बार के चुनाव में भी धार्मिक उन्माद भड़काए जाने की आशंका है। कुछ अराजक तत्व मोबाइल फोन, फेसबुक और वॉट्सएप के जरिए माहौल बिगाड़ने की साजिश रच सकते हैं। इस सेल के पुलिसकर्मी संदेह होने पर उन्हें ट्रैक करेंगे और आरोप सही साबित होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।