- लुभावने ऑफर्स के जरिए लोगों को बनाया जा रहा है बेवकूफ

- विज्ञापनों से लोगों को किया जा रहा है सच से ओझल

Meerut: ऑफर क् : आठवीं फेल को भी अच्छा रोजगार। वेतन दस हजार, साथ में रहना और खाना फ्री।

ऑफर ख् : घर बैठे पार्ट टाइम जॉब वर्क करें। खर्चा कुछ नहीं, आमदनी दो हजार रुपए रोजाना।

ऑफर फ् : घर में कलेश रहता है। पति के किसी और के साथ संबंध हैं। प्रॉपर्टी का विवाद है। समस्या का तुरंत समाधान।

ऑफर ब् : अपने घर की छत पर किसी भी मोबाइल कंपनी का टॉवर लगवाएं। हर महीने किराया ख्0 हजार रुपए पाएं।

ऑफर भ् : दोस्तों से मनचाही बात करें। रजिस्ट्रेशन फीस सिर्फ क्भ्00 रुपए। फीमेल रजिस्ट्रेशन फ्री।

मेरा सपना मनी-मनी

आपके सामने इस तरह के ऑफर रोजाना ही आते हैं। क्या आपने सोचा है कि आखिरकार क्या है ये सारा गोरखधंधा? अगर आठवीं पास को भी दस हजार की नौकरी मिल रही है तो फिर बेरोजगारी की समस्या क्यों है? क्या हर किसी के घर की छत पर मोबाइल टॉवर लग जाएगा? बेरोजगार ही बेरोजगारों के दुश्मन बन गए हैं। सारी गणित इस बात पर निर्भर है कि दूसरे की जेब से किस तरह से पैसा निकाला जाए।

रजिस्ट्रेशन का बड़ा खेल

जॉब पार्ट टाइम हो या फुल टाइम। प्लेसमेंट एजेंसियों की कमी नहीं है। बेरोजगारों के लिए रोजाना नए-नए ऑफर लांच किए जा रहे हैं। सिक्योरिटी एजेंसियां भी गली-मोहल्लों में खुल गई हैं। जिस तरह ऑफर्स की बदौलत बाजार चल रहा है, उसी प्रकार ऑफर्स से बेरोजगारी दूर करने का प्रयास भी हो रहा है। रजिस्ट्रेशन के कम से कम भ्00 रुपए लिए जाते हैं। एक दिन में अगर दो रजिस्ट्रेशन भी हो गए तो हजार रुपए पक्के। महीने के ख्0-ख्भ् हजार रुपए कहीं नहीं गए। शहर में कम से कम भ्00 कंपनियां इस तरह का कारोबार कर रही हैं। एक अनुमान के अनुसार साल में ख्0 करोड़ रुपए की ऐसी ठगी होती है, जिसकी पुलिस से शिकायत भी नहीं होती।

आपके सामने होगा सच

हैलो, मैंने अखबार में विज्ञापन देखा था कि आप घर बैठे कमाने का मौका दे रहे हैं। जी हां, लेकिन इसके लिए आपको क्0 हजार रुपए सिक्योरिटी जमा करानी होगी। इसके बाद ही आप इस क्लब के मेंबर बन पाएंगे। कुछ इसी तरह से लोगों को उल्लू बनाया जा रहा है। आप किसी भी कंपनी को फोन लगाकर उसके ऑफर का सच जान सकते हैं। हर जगह पहले रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करने को कहा जाएगा।

पानी से चलेगी कार?

बच्चा पार्क शिव चौक पर एक दुकान के बाहर बोर्ड लगा हुआ है। पानी से गाड़ी चलाइए। एक बार को विज्ञापन पढ़कर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। राह चलते आपकी नजर इस बोर्ड पर जरूर पड़ेगी। अब आपको इसकी हकीकत बताते हैं। दरअसल आप अपनी गाड़ी में हाइड्रोजन किट लगा सकते हैं। इस किट को लगाने से आपकी गाड़ी का पिकअप और एवरेज बढ़ जाएगा। गाड़ी पेट्रोल या डीजल से ही चलेगी। पानी से नहीं। इस किट की कीमत 8 हजार रुपए है।

कैंसर का नि:शुल्क इलाज?

लाखों रुपए दवाईयों और इलाज में खर्च करके कैंसर का इलाज हो पाता है। लेकिन अगर आपको पता लगे कि कैंसर का इलाज नि:शुल्क हो रहा है तो एक बार को आप जरूर चौंक जाएंगे। गुलमर्ग सिनेमा के पास लगे एक बोर्ड को पढ़कर तो यही लगता है। इस बोर्ड पर लिखा है कि कैंसर का इलाज नि:शुल्क किया जाता है। मिलने का दिन भी शुक्रवार, शनिवार और रविवार है। जबकि समय रात आठ बजे से क्0 बजे तक ही है। अब जब इन जनाब से फोन करके पूछा गया तो उन्होंने दवाओं की इतनी लंबी लिस्ट बता दी, जो मरीज को ही लानी पड़ती। जिससे इलाज नि:शुल्क ही नहीं रहा। खास बात है कि ये जनाब कैंसर ठीक होने की पूरी गारंटी भी नहीं दे पाए।

कटेगा गृह कलेश

सिटी में कई ऐसे सेंटर हैं जहां अगर आपको किसी के घर पर गृह कलेश कराना हो, किसी को वश में करना हो तो वो चुटकियों में हो जाएगा। अब इसके लिए आपको शुरूआत में क्0 हजार रुपए की रकम चुकता करनी पड़ेगी। जो पहली किश्त होगी। इसके बाद पूजा-पाठ में लगने वाली सामाग्री भी काफी महंगी होगी, जो आपको ही भरनी होगी। हां जहां तक गारंटी की बात है तो ये सिफर ही है। इसमें कोई गारंटी आपको नहीं मिलती है।

हेलो, मैं शीला बोल रही हूं

आपके भी मोबाइल पर कंपनियों के कई मैसेज आते होंगे, जिसमें कोई लड़की आपसे फ्रेंडशिप करना चाहती है और उसके लिए आपको कॉल करने का ऑफर देती है। लेकिन यकीन मानिए इस कॉल को करने में आपके बैलेंस में से कितने पैसे उड़ जाएं ये आपको खुद ही पता नहीं चलेगा। जॉब, मसाज पार्लर में नौकरी सहित तमाम ऐसे विज्ञापन हैं। जिनके पीछे बहुत बड़ा खेल रचा जाता है। इसके लिए शुरूआती तौर पर सिक्योरिटी जमा कराई जाती है। जिसमें आपको जॉब पाने के लिए पहले जेब से पैसे भरने पड़ेंगे।

मैं भी कई बार ठगी का शिकार हुआ हूं। मोबाइल कंपनियों के मैसेज पर जब कॉल की तो बहुत बैलेंस कट गया।

-राजीव

इस तरह के विज्ञापनों से बेवकूफ ही तो बनाया जाता है, लेकिन स्थिति तो दूसरी ही निकलती है। मुझे भी एक बार एक लड़के ने खराब माल देकर ठग लिया था।

-तरुण कंसल

कई लोगों ने जालसाजी का धंधा बना लिया है। जो लोग मानसिक रूप से परेशान होते हैं वही इनके चंगुल में फंसते हैं।

-परवीन