- महापौर ने जल निगम ओर नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की

- इस बार पूर्णत: शुद्धता के बाद ही छोड़े गंगाजल

MEERUT । गंगाजल आपूर्ति को लेकर महापौर ने नगर निगम और जल निगम सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। महापौर हरिकांत आहलूवालिया ने जल निगम के अधिकारियों से पूछा के कब तक गंगाजल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। जल निगम ने दोबारा से टेस्टिंग की बात कहते हुए एक सप्ताह बाद गंगाजल आपूर्ति शुरू करने के लिए कहा।

इस बार न हो कोई गलती

महापौर ने जल निगम के अधिकारियों से कहा कि इस बार टेंस्टिंग और पूर्णत: संतुष्ट होने के बाद ही गंगाजल की आपूर्ति शुरू की जाए। इस बार किसी प्रकार की कोई गलती नहीं होनी चाहिए।

सिंचाई विभाग ने मांगे पैसे

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने महापौर से जल निगम से शेष पैसे दिलावाने की मांग की। जल निगम को सिंचाई विभाग को 50 करोड़ रुपये देने थे उसमें से 32 करोड़ रुपये दे दिए गए हैं। जल निगम को अभी 18 करोड़ रुपये और देने हैं।

अंडरग्राउंड टैंकों की हो सफाई

महापौर ने जलकल विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अंडरग्राउंड टैंकों की तत्काल प्रभाव से सफाई कराई जाए। बता दें कि सर्किट हाउस स्थित क्लियर

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गंगाजल की बर्बादी दुर्भाग्पूर्ण: मंजूर

फोटो-शाहिद मंजूर 66

गत दिनों से मेरठ में रोजाना 5 क्यूसेक (11.25 एमएलडी) गंगाजल को जली कोठी नाले और मेघदूत नाले में गिराया जा रहा है। प्रदेश के कबीना मंत्री ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कहा कि गंगाजल परियोजना शहर के लिए एक बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना है। सभी शहरवासी लंबे समय से गंगाजल का इंतजार कर रहे थे, उन्होंने कहा कि राजनैतिक कारणों से गंगाजल की सप्लाई पर रोक लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

साफ है गंगाजल

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गंगाजल परियोजना के परियोजना प्रबंधक रामहेत सिंह ने बताया कि गंगाजल साफ है। शनिवार को भी जल निगम ने एक टेस्ट किया है। विभाग का कहना है कि ट्रीटेड वाटर क्लियर है। किसी भी तरह की ऐसी इम्प्यूरिटी नहीं पाई गई तो आब्जेक्शनेबल हो।