- क्रीड़ा भारती के वीर माता जीजाबाई पुरस्कार समारोह पहुंचे राज्यपाल

- राज्यपाल ने खिलाडि़यों के साथ उनके मां-बाप को भी किया सम्मानित

- खिलाडि़यों की लिस्ट में एक खिलाड़ी का नाम होने पर भी नहीं बोला

Meerut: अपने बच्चों को दिशा देने में मां का महत्वपूर्ण हाथ होता है। छत्रपति शिवाजी को भी आगे बढ़ाने में उनकी माता जीजाबाई का बड़ा हाथ रहा था। उन्होंने ही शिवाजी को बाल्यकाल से पढ़ाया लिखाया और एक योद्धा बनाया। इसी वीरमाता जीजाबाई के सम्मान में क्रीड़ा भारती संस्था ने खिलाडि़यों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए यूनिवर्सिटी के सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में समारोह का आयोजन किया, जिसमें यूपी के गवर्नर रामनाईक ने खिलाडि़यों के परिजनों को सम्मानित किया। वहीं कार्यक्रम में कुछ खिलाडि़यों को संस्था भूल गई। जो कहीं ना कहीं खटकटती रही। यूनिवर्सिटी के बाद गवर्नर ने एनएएस कॉलेज में खिलाडि़यों को सम्मानित किया।

समारोह की शुरूआत

यूनिवर्सिटी के सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में क्रीड़ा भारती संस्था के द्वारा वीरमाता जीजाबाई पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में गवर्नर राम नाईक मौजूद रहे। इसके साथ ही भाजपा नेता पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान, योग गुरू स्वामी कर्मवीर जी महाराज, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी और सांसद राजेंद्र अग्रवाल के साथ सभी बीजेपी विधायक मौजूद रहे। करीब सवा ग्यारह बजे गवर्नर राम नाईक ने यूनिवर्सिटी के प्रेक्षागृह में प्रवेश किया। कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम और मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

ये बोले गणमान्य

कार्यक्रम की शुरुआत से पहले कवि अनिल वाजपेयी ने अपनी कविताओं से मौजूदा दर्शकों का मनोरंजन किया। साथ ही स्कूलों की छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम आयोजित कर लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के शुरुआत में पूर्व क्रिकेटर व क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतन चौहान ने खिलाड़ी और उनके परिजनों के सम्मान में अपना संदेश दिया। इसके बाद एक-एक करके मौजूदा अतिथियों ने अपने संदेश दिए। इसी क्रम में योग गुरु स्वामी कर्मवीर महाराज ने भी क्रीड़ा भारती के इस कार्यक्रम की सराहना की।

गवर्नर बोले

यूपी गवर्नर रामनाईक ने खिलाडि़यों और उनके परिजनों के लिए अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा कि क्रीड़ा भारती का यह प्रोग्राम पंडित दीन दयाल उपाध्याय और पहले नवरात्र को आयोजित हुआ है। यह प्रोग्राम खिलाडि़यों के परिजनों के सम्मान में किया गया है। जीजाबाई छत्रपति शिवाजी की माता थीं। जिन्होंने अपने बेटे शिवाजी को कार्यकुशल राजा व योद्धा बनने के सब गुण दिए थे। आज भी लड़की या लड़के को खेल के मैदान में लाने का सबसे बड़ा हाथ मां-बाप का होता है। इस लिए परिजनों का सम्मान बहुत जरूरी है। क्रीड़ा भारती के इस कार्यक्रम में खिलाडि़यों के साथ उनके परिजनों का सम्मान बहुत जरूरी है।

यह रहे सम्मान

आखिर में खिलाडि़यों के परिजनों को सम्मानित किया गया। जिसमें सबसे पहले हॉकी खिलाड़ी रोमियों जैम्स व उनके मां-बाप को सम्मान दिया गया। शूटिंग खिलाड़ी आभा ढिल्लन, अनंत शिवेन प्रताप सिंह, कॉमनवेल्थ अर्जुन अवार्डी अलका तोमर, कबड्डी से संजीव मुंडवर, किरण पाल, बॉक्सिंग से विपिन कुमार, कुश्ती से प्रियंका सिंह, बैडमिंटन से मनु अत्री, क्रिकेटर प्रवीण कुमार, भुवनेश कुमार, वेट लिफ्टिंग से विनेश त्यागी, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड पैरा ग्लाइडिंग के कर्नल सतेंद्र वर्मा, जूड़ो से पूनम विश्नोई सहित ख्8 खिलाडि़यों को सम्मानित किया।