मेरठ,(ब्यूरो)। वायु गुणवत्ता सुधार के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत मेरठ को 36 करोड़ की पहली किस्त मार्च माह में मिल गई थी। करीब 72 करोड़ रुपये इस योजना में मिलने थे जिसमें वायु गुणवत्ता सुधार के सारे काम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार शहर में हरियाली विकसित करने, पौधारोपण, ग्रीन बेल्ट, ई बसों का विकास, एंटी स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकल मशीन आदि की खरीद होनी थी। लेकिन अधिकतर काम छह माह बाद भी अधर में हैं।

ये होने हैं कार्य
3 करोड़ रुपये
सड़कों की धूल साफ करने को दो रोड स्वीपिंग मशीन और दो एंटी स्मॉग गन व स्प्रिंकलर मशीनें खरीदी जाएंगी।

5 करोड़ रुपये
निर्माण संबंधित ठोस अपशिष्ट के रिसाइकिल के लिए एक सीएंडडी वेस्ट प्लांट स्थापित किया जाएगा।

8 करोड़ रुपये
शहर के सभी मुख्य मार्गो की रोड पटरी पर इंटरलाकिंग व पौधरोपण किया जाएगा।

12 करोड़ रुपये
शहर की व्यस्त सड़कों पर काली परत, मार्किंग व साइड साइनेज का काम किया जाएगा।

5 करोड़ रुपये
ग्रीन बेल्ट का निर्माण, पौधारोपण व उसमें बाड़ लगाने के साथ ही बड़े साइज के गमले रखे जाएंगे।

7 करोड़ रुपये
शहर में ई-बसों के संचालन के लिए चार्जिग व मेंटीनेंस डिपो का निर्माण कराया जाएगा।

5 करोड़ रुपये
वायु गुणवत्ता सुधार की मानीटरिग के लिए एक लैब, कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए पांच करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

5 करोड़ से होना था पौधरोपण
15वें वित्त आयोग के इस पैसे में से करीब 5 करोड़ रुपए केवल शहर में ग्रीनरी विकसित करने की योजना थी। इसमें शहर में जगह पौधरोपण और ग्रीनरी विकसित करने के लिए नगर निगम ने चौ चरण सिंह विवि रोड और तेजगढ़ी चौराहे पर खाली जगह को विकसित कर हरियाली विकसित की है। इससे खाली जगह पर कूड़ा फेंकना भी बंद हो गया है और जगह पार्क की तर्ज पर विकसित हो रही है। इसके अलावा शहर के चौराहों और प्रमुख मार्गों के किनारे जगह विकसित कर ग्रीनरी लगाई जानी थी।

कम हुआ शहर का प्रदूषण स्तर
वहीं, आखिरकार दीपावली के छह दिन बाद शहर का प्रदूषण स्तर कुछ कम होने के साथ ही शहर के लोगों ने राहत की सांस ली। बुधवार को शहर का प्रदूषण स्तर 335 पर पहुंच गया। जबकि पिछले पांच दिन से 400 से ऊपर बना हुआ था।

एनसीआर का एक्यूआई
मेरठ 335
मुजफ्फरनगर 372
हापुड 258
ग्र्रेटर नोएडा 378
दिल्ली 372
बागपत 409
बुलंदशहर 411


शहर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए शहर में ग्रीनरी विकसित करने का अभियान तेजी से चल रहा है। कई जगह रोड साइड ग्रीनरी विकसित की जा चुकी है। डिवाइडर पर पौधरोपण हो चुका है। बाकी काम जल्द पूरा होंगे।
- डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी