यह है केस

लिसाड़ी गेट की रहने वाली बुशरा खान पुत्री सरफराज खान की शादी चार साल पहले जैदी फार्म के मोहसीन खान पुत्र महरखान से हुई थी। पारिवारिक विवाद के कारण इनका केस परामर्श केंद्र में चल रहा है। यह केस परिवार परामर्श केंद्र में टेबल नंबर छह पर काउंसलर सुंदर बख्शी और हाजी मो। असलम के पास है। जिसमें बुशरा और उसके पति को कई बार से परामर्श केंद्र में बुलाया जा रहा है। लेकिन वह नहीं आ रहा। शनिवार को भी बुशरा अपने मामा अजहर के साथ पहुंची, लेकिन उसका पति नहीं पहुंचा।

i am mulayam‘s 'honey-bunny'

अब हुआ ये

कई बार से मोहसीन के नहीं आने पर शनिवार को काउंसलर ने थक-हार करके उसे फोन किया। उसे यहां आने के लिए कहा और नहीं आने पर मुकदमा कायम करने की बात कही। इतना सुनते ही मोहसिन खान ने काउंसलर को खरी-खोटी सुना डाली। कहा कि ‘मैं मुलायम सिंह के पास बैठा हुआ हूं। मुलामय सिंह का आदमी हूं और मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पुलिस वाले भी मेरा कुछ नहीं कर सकते.’ साथ ही बुशरा से समझौता करने और उसे अपने साथ रखने से इंकार कर दिया। यह कहते हुए फोन काट दिया कि ‘तुम जो कर सकते हो कर लो’।

दहेजलोभी से डरे काउंसलर

पीडि़त बुशरा खान ने अपने पति की कहानी सुनाई। उसने बताया कि उसका पति मोहसीन स्पेयर पार्ट्स का काम करता है। शादी के पंद्रह दिन बाद ही ससुरालियों ने पीटना शुरू कर दिया था। कार की मांग करते हैं। पति कहता है कि शादी इसलिए की थी कि कार मिलेगी। कई बार मारपीट करके मायके भेज चुका है। परिवार वालों ने सामाजिक दबाव बनाकर कई बार समझौता भी करा दिया। लेकिन तीन महीने पहले मोसीन, उसकी मां नसीम बानो, ननद खुश्बू और जेठ जावेद ने बुरी तरह पीटा था। अब उसकी दो साल की बच्ची भी है।

बेटी होने से चिढ़ रहे

इस बच्ची के होने के बाद तो ये लोग और पीटने लगे थे। कहते हैं कि तूने लडक़ी पैदा क्यों की, लडक़ा क्यों नहीं किया? कई बार बेटी को ठंड में पानी में भिगो दिया। उसे मारने की कोशिश की गई। अब वह परेशान है ऐसे में अपनी बेटी को छोडक़र कहां जाए। दहेजलोभी ससुराल वाले मारते-पीटते हैं। अब तो मोहसीन ने उसे रखने के लिए साफ मना कर दिया। बुशरा के मामा का कहना है कि उनकी इतनी हैसियत नहीं है कि वे कार दे सकें। इससे पहले भी कई बार मोहसीन को रुपए दे चुके हैं।