चालान के डर से बाजार में बढ़ गई हेलमेट की बिक्री
प्रदूषण के अधूरे मानकों के कारण फेल हो रही गाडि़यां
आरटीओ में स्लॉट वेटिंग पहुंची तीन माह
4192 चालान हुए 1 - 13 सितंबर तक
4474000 रेवन्यू वसूला गया सिंतबर माह में अब तक
3409 चालान हुए अगस्त माह में
3861800 रुपये रेवन्यू वसूला गया अगस्त में
6833 चालान हुए जुलाई माह में
5166300 रेवन्यू वसूला गया जुलाई माह में
5 से 10 हजार रुपए तक का जुर्माना है बिना डीएल वाहन चलाने पर
800 लाइसेंस बनाने की लिमिट है आरटीओ में रोजाना की
1.5 से 2 हजार आवेदकों की रोजाना बढ़ गई है संख्या
3 हजार से अधिक रोजाना हो रहे ऑनलाइन आवेदन
3 माह बाद का समय दिया जा रहा डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए
10 से 15 दिन तक की वेटिंग रहती थी पहले
2500 रुपए का जुर्माना है पीयूसी का मानक पूरा ना होने पर
30 से 50 रुपए में बनने वाले इस सर्टिफिकेट के लिए जुटी भीड़
100 से अधिक पीयूसी रोजाना जारी हो रहे हैं शहर में प्रति सेंटर से
74 के करीब पॉल्यूशन सेंटर हैं शहर में
7 हजार से अधिक पीयूसी रोजाना हो रहे हैं जारी
1000 रुपए का जुर्माना है बिना हेलमेट वाहन चलाने पर
15 दिनों में हेलमेट के कारोबार में आया बूम
1 माह की वेटिंग चल रही है हेलमेट के नए स्टॉक के लिए
3 गुना तक बढ़ गई शहर में हेलमेट की बिक्री
100 से अधिक हेलमेट बिकते थे पहले
300 से ज्यादा हेलमेट की बिक्री हो रही रोजाना जुर्माना बढ़ने के बाद
Meerut। बीते एक सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया गया था। नए संशोधन के तहत 15 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान वाहन चालकों में चालान का डर दिखने लगा है, जिसका असर यह है कि शहर में लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने लगे हैं। हालत यह है कि जुर्माने से बचने के लिए वाहन चालक अपने वाहन संबंधित सभी प्रकार के कागजात और सभी प्रकार के मानक पूरा करने में जुट गए है। इसी का नतीजा है कि बाजार में हेलमेट बिक्री से लेकर पीयूसी का काम जोरों पर है। वहीं परिवहन विभाग में आवेदकों की कतार के साथ साथ वेटिंग भी लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं, मोटर व्हीकल इंश्योरेंस कराने की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है। हालात यह है कि पहले जहां एक एजेंट बमुश्किल 10 से 20 इंश्योरेंस करते थे वहीं अब एजेंट 100 से 200 इंश्योरेंस कर रहे हैं।
पार हो रही 800 की लिमिट
वाहन चलाने के लिए सबसे जरुरी है ड्राइविंग लाइसेंस इसके बिना वाहन चलाने पर 5000 से 10000 रुपए तक का जुर्माना है। ऐसे में लाइसेंस के लिए आवेदकों की संख्या में इस माह से बेतहाशा वृद्धि हुई है। विभाग की रोजाना 800 लाइसेंस की लिमिट होने के बाद भी डेढ़ से दो हजार आवेदकों की संख्या विभाग में पहुंच रही है। सबसे अधिक लर्निग लाइसेंस के आवेदकों की भीड़ है जबकि लिमिट मात्र 200 लाइसेंस की है। वहीं नए लाइसेंस के फेरे में लाइसेंस रिन्यूल और करेक्शन के आवेदकों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है।
तीन माह की हुई वेटिंग
वहीं लाइसेंस की डिमांड बढ़ते ही ऑनलाइन आवेदनों की भी भरमार हो गई है। करीब तीन हजार से अधिक रोजाना ऑनलाइन आवेदन हो रहे है जिसके चलते डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन के चलते तीन माह बाद का समय आवेदकों को दिया जा रहा है। यह वेटिंग पहले 10 से 15 दिन तक की रहती थी।
वेटिंग अधिक है, लेकिन विभाग की लिमिट भी निर्धारित है। आवेदकों से अधिक पूछताछ के लिए लोग विभाग में भीड़ लगा रहे हैं। इसलिए समस्या अधिक बढ़ रही है।
श्वेता वर्मा, एआरटीओ
पीयूसी में भी फेल हो रही गाडि़यां
वहीं टू व फोर व्हीलर का प्रदूषण मानक पूरा करना भी वाहन मालिकों के दूसरा सबसे बड़ा काम बना है। जो नई गाडि़यां है उनके पीयूसी मानकों पर ओके होने के बाद पीयूसी जारी हो रहे हैं लेकिन जो चार से पांच साल पुरानी गाड़ी है उनके लिए पीयूसी भी जारी नही हो पा रहा है। मिलावटी पेट्रोल के चलते गाडि़यों का प्रदूषण लेवल 1.3 सीओटू से बढ़ चुका है जिस कारण अधिकतर पुरानी गाडि़यां प्रदूषण की ऑनलाइन जांच में फेल हो रही हैं।
पीयूसी की डिमांड का शतक
पीयूसी का मानक पूरा ना होने पर करीब 2500 रुपए का जुर्माना है। ऐसे में मात्र 30 से 50 रुपए में बनने वाले इस सर्टिफिकेट के लिए वाहन चालकों की भारी संख्या पॉल्यूशन जांच सेंटर पर पहुंच रही है। इसी का नतीजा है कि शहर में प्रति सेंटर करीब 100 से अधिक पीयूसी रोजाना जारी हो रहे हैं। शहर में 74 के करीब पॉल्यूशन सेंटर हैं ऐसे में 7 हजार से अधिक पीयूसी रोजाना जारी हो रहे हैं।
रोजाना करीब 70 से 80 टू व्हीलर और करीब 20 से 30 फोर व्हीलर पॉल्यूशन जांच के लिए आ रहे हैं। लेकिन सभी को पीयूसी मिल जाए यह जरुरी नही जिनके मानक पूरे नही हो रहे हैं वह उनको पीयूसी जारी नही हो रहा है।
वीरेंद्र
पीयूसी की अब ऑनलाइन जांच होती है इसमें फर्जीवाड़ा नही हो सकता है। जिस गाड़ी के धुएं में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा अधिक होगी उसको सर्टिफिकेट नही जारी होगा।
विक्रम सिंह
हेलमेट की सप्लाई हुई शार्ट
सारे मानक पूरे होने के बाद भी यदि आपने हेलमेट नही पहना है तो आप ट्रैफिक पुलिस की जद में तुरंत आ जाएंगे। इसलिए सबसे अधिक जो हेलमेट के प्रयोग पर दिया जा रहा है। बिना हेलमेट 1000 रुपए का जुर्माना है ऐसे में हेलमेट की बिक्री में पिछले दस दिनों में इस कदर बूम आया दिल्ली से आने वाले हेलमेट की बाजार में शार्टेज ही हो गई है। होल सेलर और फुटकर विक्रेता लगातार माल मंगवाने पर जुटे हुए हैं, लेकिन नए स्टॉक के लिए एक एक माह की वेटिंग चल रही है।
सोतीगंज शहर का सबसे बड़ा एसेसीरिज का बाजार है। यहां पहले रोजाना 100 से अधिक हेलमेट बिक जाते थे। जुर्माना बढ़ने के बाद यह लिमिट पर प्रतिदिन 300 से पार हो गई है। लोकल हेलमेट की अधिक डिमांड है।
संजय, ए वन मोटर्स
हेलमेट की रोजाना 10 से 15 पीस की बिक्री हो रही है। यह पहले से बढ़ी तो है लेकिन इसमें भी ब्रांडेड की डिमांड अधिक है जिसके चलते बडे़ शोरूम में अधिक बिक्री हो रही है।
नौशाद
जुर्माना बढ़ गया इसलिए रोजाना 8 से 10 पीस हेलमेट के बिक रहे हैं पहले रोजाना 1 या 2 पीस ही बिका करता था।
कांती