मेरठ (ब्यूरो)। कार्यशाला के दौरान गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी की प्रो। निधि हांडा ने व्याख्यान दिया। इसकी अध्यक्षता डॉ। ओमकार लाल श्रीवास्तव के अध्यक्षता पहला सत्र हुआ। मौके पर प्रो। निधि हांडा ने विश्व में गणित के प्रभाव पर अपना व्याख्यान दिया।

गणित के नियम बताए
उन्होंने बताया कि कंदिका 3 की प्रथम छंद में एक श्लोक मिलता है, जो विकर्ण पर वर्ग के निर्माण से संबंधित हैं और एक श्लोक मिलता है। जो त्रिभुज की कर्ण की भुजा पर बनाए गए वर्ग का क्षेत्रफल आधार और लंबाई पर बनाए गए वर्ग के क्षेत्रफल के जोड़ के बराबर होता है, के बारे मे बताता है।

वेदों का जिक्र तक नहीं
उन्होंने बताया कि जब यूरोपीय कंपनियों का भारत पर आगमन हुआ। बड़ी मात्रा में कपड़ा, मसाले आदि लेकर विदेश चले गए तभी हमारी सभ्यता का भी आदान-प्रदान विदेशों में हुआ। जिस भारत को विश्व गुरु की उपाधि दी जाती थी वह सिर्फ उन अंग्रेजों का गुलाम बन कर रह गया और आश्चर्यजनक विषय यह है कि यहां से बड़ी मात्रा में लेने के बाद भी भारत के वेदों, गणितज्ञों को कोई स्थान नहीं मिला है।

यह लोग रहे मौजूद
कार्यशाला में विभागाध्यक्ष प्रो। शिवराज सिंह और डॉ।संदीप कुमार ने इस कार्यक्रम से कार्यकारिणी समिति के सदस्य डॉ। सोनिया गुप्ता, रश्मि, उम्मेफरवा, रिंकी, वैशाली, दीप्ति, सुजाता जैन, शिप्रा कौशिक, शरद, समरेश, शगुन, रीमा गर्ग सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम में तरुण, तेजेंद्र, नितेश, हरेंद्र, राहुल, शुभम उपस्थित रहे।