समाज की मानसिकता काफी अंधेरे में है

परिचर्चा की शुरुआत करते हुए कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ। सरोज शर्मा ने छात्राओं को कैंडल मार्च का अर्थ बताया। उन्होंने कहा कि कैंडल मार्च का मतलब खाली कैंडल जलाना ही नहीं होता। कैंडल मार्च का मतलब समाज की बीमार सोच को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरुक करना है। उन्होंने कहा कि समाज की मानसिकता आज काफी अंधेरे में है। इसके बाद महिमा महिला संस्था की डायरेक्ट गरीमा त्यागी ने लड़कियों को वूमेन पावर का महत्व बताया।

दामिनी के जज्बे को सलाम

छात्र कल्याण संघ की अध्यक्ष डॉ। कामना शर्मा ने दामिनी के जज्बे को सलाम करते हुए छात्राओं से अपराधों के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करने की अपील की। सभागार में उपस्थित छात्राओं में काफी उत्साह दिखाई दिया। उत्साहित छात्राओं द्वारा भी मंच पर विचार प्रस्तुत किए गए। इस दौरान कॉलेज की छात्र संघ अध्यक्ष अंजली यादव ने कहा कि जब तक समाज में पुरुष प्रधान सोच को जड़ से खत्म नहीं किया जाएगा और लड़कियां नारी शक्ति को नहीं समझ पाएंगी तब तक समाज में अनेकों दामिनी को कुचलने का प्रयास किया जाता रहेगा। इसलिए नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए हमें खुद ही अवेयर होना पड़ेगा।

सुरक्षा के लिए आवाज उठाएं

इस दौरान उपस्थित इंटरनेशनल वुशू कोच संजय हल्द्वानी ने कहा कि समाज में हर लड़की अपनी सुरक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद करे, तो निश्चित ही महिलाओं के प्रति अपराध रुक जाएगा। सेमिनार में अल्माइटीज क्लब की सदस्य नीरा शर्मा, अलका शर्मा और मानसी संस्था की सदस्य अर्चना गौतम छात्राओं से उनकी समस्याओं पर परिचर्चा करते हुए उनकी सुरक्षा के उपायों से परिचित करवाया। इस दौरान आई नेक्स्ट की टीम ने छात्राओं से बातचीत कर उनकी समस्याओं को साझा किया।

सिखाए मार्शल आर्ट के गुर

सेमिनार में उपस्थित इंटरनेशनल वुशू कोच संजय हल्द्वानी एंड इंटरनेशनल वुशू  चैंपियनशिप मेडलिस्ट नेहा कश्यप ने छात्राओं को मार्शल आर्ट के गुर सिखाए। साथ ही बताया छात्राओं को अपनी सुरक्षा के लिए किस तरह के कदम उठाए। इस दौरान दिखाए गए डेमो को देख छात्राएं काफी उत्साहित दिखी।