मेरठ (ब्यूरो). होली को लेकर बाजार में रंग, गुलाल, पिचकारी समेत कपड़ों का बाजार सजा है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक में उत्साह चरम पर है, लेकिन खरीदारी पर महंगाई की मार पड़ी है। होली के मौके पर बिकने वाले सामान के दाम 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। रंग से लेकर पिचकारी, खाद्य सामान सभी कुछ मंहगा है। महंगाई से त्रस्त लोग सस्ती खरीदारी के लिए इधर-उधर भटकते रहे।

1500 तक की बिकी पिचकारी
महंगाई के कारण इस बार बाजार में 30 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की पिचकारी उपलब्ध रही। बच्चों को जहां कार्टून, गन, प्रेशर पिचकारी पसंद आ रही है। वहीं, टैंक की मांग इस साल सबसे अधिक रही। हालांकि महंगाई के कारण इस बार पिचकारियों का दाम पिछले साल से 40 से 50 रुपए अधिक रहा। वहीं, टैंक के दाम इस बार 100 से 150 रुपए तक अधिक रहा। इसके बाद भी पिचकारियों की जमकर बिक्री हुई।

हर्बल गुलाल की रही डिमांड
होली पर रंग गुलाल की खरीदारी में लोग रसायन से होने वाले साइड इफेक्ट को लेकर सजग दिखे। जिसके चलते थोक विक्रेताओं के यहां इस बार कोको कलर, हर्बल गुलाल, बॉलवेट कलर की मांग हुई। इस साल बाजार में स्मोक कलर, पटाखा कलर, फॉग बम आदि का भी जलवा रहा। पटाखा कलर और स्मोक कलर में आग लगाते ही दीवाली के अनार की तरह रंग बिरंगे गुलाल हवा में उडऩे लगते हैं। इसलिए स्मोक कलर और पटाखा कलर खूब पसंद किया गया।

होली पर बिगड़ा रसोई का बजट
सबसे ज्यादा महंगाई का असर खाद्य तेलों पर है। सरसों का तेल 190 रुपये प्रति किलो तो रिफाइंड 170 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। महिलाएं महंगाई को लेकर परेशान हैं। रसोई का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। भारतीय रसोई पर यूक्रेन-रूस युद्ध का सबसे अधिक असर पड़ा है। खाद्य तेलों के लिए भारत यूक्रेन से बड़ी मात्रा में सूरजमुखी (सनफ्लावर) का तेल आयात करता है। शहर के बड़े खाद्य तेल कारोबारियों की मानें तो 15 दिन पहले जिस खाद्य तेल (सोयाबीन रिफाइंड) की कीमत 2200 रुपये प्रति 15 किलो जार थी। वह अब 2450 रुपये का हो गया है।

मावा 50 रुपये प्रति किलो महंगा
होली पर गुजिया का स्वाद बनाने वाले मावे के दाम ने गुजिया का स्वाद ही बिगाड़ दिया है। इस साल मावा के दामों में पिछले करीब एक माह में 50 रुपये तक का उछाल आया है। जिससे गुजिया महंगी हो गई है। वहीं, तेल के दाम में 25 रुपये तक और दाल में 10 रुपये तक की बढोतरी के चलते पपड़ी, नमकीन बनाना भी महंगा हो गया है।

फैक्ट-
-यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध के कारण इस साल की होली हुई महंगी
- 50 प्रतिशत तक होली पर खरीदे जाने वाले सामान की कीमतों में हुआ इजाफा
- 25 से 30 रुपये महंगा हुआ रिफाइंड ऑयल
-30 रुपये तक बढ़े सरसों के तेल के भाव
-15 रुपये प्रति किलो दालों की कीमतों में भी हुआ इजाफा
- 15 प्रतिशत तक अबीर-गुलाल और रंग के दामों में भी हुई बढोतरी
-40 से 50 रुपये का पिचकारी के दामों में भी हुआ इजाफा

प्रोडक्ट रेट पहले रेट अब
आटा 320 रुपए प्रति 10 किलो 360 रुपए
रिफाइंड 140 रुपए प्रति लीटर 170 रुपए
छुआरा 150 रुपए किलो 300 रुपए
काजू 600 रुपए किलो 800 रुपए
बादाम 700 रुपए किलो 900 रुपए
पाम ऑयल 110-120 लीटर 150-160 रुपए
सोयाबीन तेल 130 रुपये प्रति लीटर 160-170 रुपए
मावा 230 रुपए प्रति किलो 280-300 रुपए
गुलाल 80 रुपए प्रति किलो 100-110 रुपए
ड्राई गुजिया 400 रुपए किलो 440 रुपए प्रति किलो
केसर गुजिया 380 रुपए प्रति किलो 400 रुपए
सादा गुजिया 360 रुपए प्रति किलो 400 रुपए
ड्राई फ्रूट्स गुजिया 500 रुपए किलो 520 रुपए


कोटस-
सबसे ज्यादा कीमतें खाद्य तेलों की बढ़ी हैं। दालों और मेवा की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। कीमतों में इजाफा होने का एक कारण रूस और यूक्रेन युद्ध भी माना जा रहा है। क्योंकि रिफाइंड बनाने में इस्तेमाल होने वाला पाम ऑयल भी दूसरे देशों से आता है।
- मुकेश कुमार, खाद्य तेल होलसेलर

खाद्य तेलों, दालों समेत खाने-पीने के अन्य सामानों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। बाजार में ग्राहक तो आ रहे हैं, लेकिन खरीदारी अपेक्षा के अनुसार नहीं हो रही। ज्यादातर लोग जरूरत भर का सामान खरीद रहे हैं।
- चितांमणी, परचून कारोबारी

होली पर इस बार महंगाई का पूरा असर रहा है। पिचकारियों से लेकर रंग, गुलाल तक के रेट एकदम से बढ़े हैं।
- संयम

सबसे अधिक महंगाई इस बार पिचकारियों पर रही है। टैंक पिचकारी पर 50 से 100 रुपए तक रेट बढ़कर आए थे। इसलिए ग्राहकों को भी महंगी पिचकारी मिली।
- सलमान

महंगाई के कारण आम आदमी की जेब पर भार बढ़ गया है। मध्यवर्गीय लोग पहले से महंगाई का सामना कर रहे हैं। अब खाद्य सामग्री पर बढ़ी महंगाई ने चिंता बढ़ा दी है।
- नीलम

महंगाई से हर परिवार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। सरकार को इस महंगाई पर काबू करना चाहिए और आम आदमी की समस्या को समझना चाहिए।
- कृतिका

रिफाइंड और सरसों के तेल पर महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी है। रिफाइंड के दाम तो दो सप्ताह में ही 30 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गए। घर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल रिफाइंड का ही किया जाता है।
- पुष्पा