मेरठ (ब्यूरो)। नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पर आरोग्य स्वास्थ्य मेला के तहत कैंप आयोजित किया गया। इस दौरान रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रदान की गई। इस दौरान चिकित्सा अधिकारी डॉ। ऋतु सांगवान ने बताया कि कोविड 19, स्वाइन फ्लू और एच1 एन 1 ये सभी श्वसन संबंधी वायरल इंफेक्शन हैं। कोरोना के बाद अब इन्फ्लूएंजा वायरस तेजी से फैलने लगा है। बीते दो-तीन महीनों में इन्फ्लूएंजा टाइप ए के सबटाइप एच 3 एन 2 से बचना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बुखार तो तीन दिन में चला जाता है, लेकिन सर्दी-खांसी तीन हफ्तों तक रहता है। प्रदूषण के कारण भी 15 साल से कम और 50 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों में सांस की नली में संक्रमण के लक्षण मिल रहें हैं।

फेफड़े हो रहे हैं संक्रमित
डॉ। सांगवान ने बताया कि फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस में नाक, गले और फेफड़े संक्रमित होते है। जब बीमार लोग खांसी, छींक या बात करते है, श्वसन कण हवा में छोड़े जाते हैं और आसपास के व्यक्तियों संक्रमित हो जाते हैं। दूषित हाथों से होंठ, आंख या नाक को छूने से भी व्यक्ति फ्लू की चपेट में आ सकता है। मौसमी इन्फ्लूएंजा छोटे बच्चों को छह महीने से 5 साल तक और 65 साल या उससे अधिक उम्र के वयस्कों को लक्षित करता है। उन्होंने कहा कि इन्फ्लुएंजा एक खांसी का कारण बनता है जो 2 से 3 सप्ताह तक रहता है। कभी-कभी आपका बच्चा बहुत सारी कफ निकालेगा और खांसेगा। आप दूसरे या तीसरे दिन के आसपास सबसे खराब महसूस कर रहे होंगे, लेकिन एक बार जब आप तीसरे दिन पहुंच जाते हैं तो इसका सबसे खराब समय बीत चुका है।

कोविड का प्रोटोकॉल पालन करें
इस चरण के दौरान आप अभी भी फ्लू की संक्रामक अवधि में हैं, लेकिन आपका संक्रामक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर है। संक्रमण को रोकने के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का अच्छा होना बहुत आवश्यक है। डॉ। सांगवान ने रोगियों को आयुर्वेदिक उपचार का भरपूर लाभ दिया। उन्होंने कहा कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जागरुक किया। गर्भवस्था प्रसव, जन्म पंजीकरन का परामर्श, डायरिया, निमोनिया, मौसमी फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस सहित अन्य बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई।

ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर डॉ। राहुल शर्मा, डॉ। गौरव पवार धनीराम, संजय कुमार ,अनिवेश यादव, शालिनी, नीतू आरोग्य स्वस्थ मेले में र