- शेखपुरा में निर्माण के दौरान ही टूट रहे मकान

-निर्माण में इस्तेमाल हो रही पीली ईंटे और रेत

-चलताऊ काम कर रुड़की भागने की फिराक में निर्माण निगम

mohit.sharma@inext.co.in

Meerut: बीएसयूपी योजना में बड़ा खेल करने वाला राजकीय निर्माण निगम अब गरीबों के मकानों से खिलवाड़ कर रहा है। योजना के अंतर्गत हो रहे आवास निर्माण में राजकीय निर्माण निगम घटिया सामग्री का इस कदर इस्तेमाल कर रहा है कि निर्माण के दौरान ही मकान टूट कर गिरने लगे हैं। सबसे बुरा हाल तो सरकारी मकान के फेर में अपना सब कुछ गवां चुके गरीब लाभार्थियों का है। नए की आस में पुराने मकान गंवा चुके बेचारे गरीबों को नए मकानों का भविष्य भी अधर में लटका है। यहां मामला टीपी नगर के शेखपुरा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे मकानों में मानकों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।

पीले ईटें और बालू रेत

टीपी नगर थाना क्षेत्र स्थित शेखपुरा बस्ती में बीएसयूपी योजना के अंतर्गत आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य में इस्तेमाल की जा रही कंस्ट्रक्शन मैटीरियल का हाल यह है कि निर्माण के दौरान ही मकान धराशायी होने लगे हैं। मकानों में जहां अव्वल ईटों के स्थान पर पीली ईटों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं सीमेंट के स्थान पर कोरा बालू रेत ही इस्तेमाल किया जा रहा है। आलम यह है कि कहीं मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं, तो कहीं पूरा मकान ही गिरने के कगार पर है।

कमजोर डीपीसी और दीवार

विभागीय अफसरों और कांट्रेक्टर की मिली भगत का आलम यह है कि मकान के निर्माण कार्यो में मानकों की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। निर्माण कार्यो में चौखट, विंडो और बिजली फिटिंग कार्य कराना तो दूर मकानों की डीपीसी के स्थान पर ही केवल रेत बिछाया जा रहा है, परिणाम यह है कि मकानों की ईटे न केवल टूट-टूट कर नीचे गिरने लगी है, बल्कि डीपीसी में इस्तेमाल किया गया रेत भी बारिश के साथ बह निकला है। वहीं दूसरी ओर कांट्रेक्टर ने पूरे मकान को चार इंच की कमजोर दीवार पर खड़ा कर दिया है। इन दीवारों की क्षमता इतनी है कि शायद लिंटर के वजन को भी सहन न कर पाए।

नहीं लगाई एसेसरीज

असल में योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे मकानों में मानकों के अनुसार एसेसरीज जैसे चौखट, गेट, विंडो, पानी की टंकी व सेफ्टी टैंक आदि बनाकर देने का प्रावधान रखा गया था लेकिन विभागीय अफसरों से मिलीभगत कर कांट्रेक्टर मकान को खुला ही छोड़ एसेसरीज का सारा पैसा डकार रहे हैं। वहीं दूसरी और गरीब लाभार्थी अपने आप को ठगा महसूस कर खुले में ही जीवन गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।

बॉक्स --

मानकों की निकल रही हवा

-एक मकान में क्क्0 बैग के स्थान पर ब्0 बैग सीमेंट का इस्तेमाल

-नौ इंच की दीवार के स्थान पर चार इंच की दीवारों का निर्माण।

-डीपीसी में ढाई सूत के छह सरियों के स्थान पर कुछ नहीं।

-प्लास्टर में तीन-एक के मसाले के स्थान पर पांच एक का इस्तेमाल।

-मकान में तीन सेक्सन विंडो के स्थान पर केवल एक ही विंडो।

-मकान में पांच चौखट के स्थान पर खुले छोड़े जा रहे मकान

-पीतल की पानी की टोंटी के स्थान पर लग रही प्लास्टिक की टोंटी।

-सेफ्टी टैंक निर्माण के स्थान पर नाली में छोड़ा जा रहा पानी।

-पानी के टैंक के स्थान पर शून्य

मकान निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने पर कांट्रेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मौके का सर्वे कर मकानों को दुरुस्त कराया जाएगा।

-प्रमोद कुमार, सुपरवाइजर, निर्माण निगम

आवास कार्यो में घटिया सामग्री का इस्तेमाल गंभीर मामला है। शेखपुरा में टीम भेज कर मौके पर निरीक्षण कराया जाएगा। साथ ही निर्माण में इस्तेमाल की जा रही सामग्री का परीक्षण कराया जाएगा। दोषी अफसरों और कांट्रेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-पंकज यादव, डीएम मेरठ

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