- सिटी के कई इलाकों में देखने को मिली खुली हुई दुकानें

- सिर्फ आबूलेन, सदर, लालकुर्ती, बांबे बाजार, वैली बाजार में रहा पूर्ण बंद

Meerut : स्मार्ट सिटी को लेकर संयुक्त व्यापार संघ का मिलाजुला असर देखने को मिला। सिटी की मेन मार्केट्स में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। वहीं दिल्ली रोड से सटी हुई मार्केट्स में अधिकतर दुकानदारों ने दुकानों को खोलकर रखा। सुबह के समय बंद की वजह से पेट्रोल पंपों पर भीड़ देखने को मिली। वहीं दिन में दो बजे के बाद पेट्रोल पंप पब्लिक के लिए ओपन हो गए। वहीं 3 बजे के बाद सिटी की कई मार्केट्स में दुकाने खुलनी शुरू हो गई थी।

सुबह से ही जुट गए थे व्यापारी

स्मार्ट सिटी के पक्ष में किए गए बंद को सफल बनाने के लिए संयुक्त व्यापार संघ के निर्देशों अनुसार सभी मार्केट के अध्यक्ष अपनी-अपनी मार्केट को बंद कराने के लिए सुबह से जुट गए थे। शास्त्रीनगर, सेंट्रल मार्केट, सदर बाजार, आबूलेन, बेगमपुल, लाला का बाजार, लालकुर्ती पैंठ बाजार आदि सिटी की प्रमुख मार्केट बंद रही। अगर बात कंकरखेड़ा, मोदीपुरम, पल्लवपुरम की बात करें तो यहां भी लोगों ने स्मार्ट सिटी के विरोध में अपनी दुकानों पर ताले लगाए।

ये नहीं रहे बंद

वहीं दिल्ली रोड की माधवपुरम, टीपीनगर, रिठानी की बात करें तो मेन रोड से सटी कुछेक दुकानों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर दुकानें खुली हुई थीं। वहीं मीना बाजार, भगत सिंह मार्केट आदि सभी दुकानें बंद रही। इन दुकानों पर संघ के पदाधिकारियों का कहना है हमारी ओर से सभी को अपील की गई थी। अधिकतर लोगों की ओर से दुकानें बंद रखी। जिन लोगों ने दुकानें खोली, उनके बारे में क्या कहा जा सकता है।

खैर नगर रहा खुला

अगर बात जिले की सबसे बड़ी दवा मार्केट खैर नगर की बात करें तो 70 फीसदी दुकानें खुली हुई थी। मार्केट के महामंत्री रजनीश कौशल ने बताया कि मौजूदा समय में वायरल और डेंगू का बड़ा प्रकोप चल रहा है। सभी हॉस्पिटल इन मरीजों से भरे हुए हैं। जनहित को देखते हुए हमारी ओर से दुकानें खोली गई हैं।

बनाई मानव श्रृंखला

करीब एक बजे के बाद सांसद, मेयर, संयुक्त व्यापार संघ के पदाधिकारी बेगमपुल पहुंचे। जहां उन्होंने मानव श्रृंखला बनाई, जिससे चौराहे का ट्रैफिक पूरी तरह से रुक गया। कुछ देर बाद एडीएम सिटी एसके दुबे बेगमपुल पहुंचे जहां उन्हें प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि मेरठ जितना पुराना शहर है, उसकी हमेशा से उपेक्षा की जाती रही है। रायबरेली और मेरठ की तुलना करें तो मेरठ की आबादी 35 और रायबरेली की आबादी मात्र दो लाख है। मेरठ यूपी को सबसे अधिक रेवेन्यू देता है। इसके बाद मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने में जद्दोजहद की जा रही है।

करीब 150 करोड़ रुपए का नुकसान

सिनेमा, पेट्रोल पंप, इंडस्ट्रीयल एरिया, तमाम थोक मार्केट, सब्जी मंडी, फल मंडी, सर्राफा मार्केट आदि को मिलाकर करीब 150 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष सतीश चंद ने बताया कि सिटी में करीब सवा लाख दुकानें हैं, जिनमें सभी दुकानों को विरोध में बंद कराया दिया गया था। 150 करोड़ के नुकसान के आधार पर 15 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि सरकार को भी हुई है।

लोगों को हुई मुसीबत

वहीं बंद के कारण आम जनजीवन थोड़ा अस्त-व्यस्त हुआ। सुबह से ही खाने-पीने के सामान को लेकर लोगों को काफी दिक्कतें हुई। वहीं सबसे ज्यादा परेशान उन लोगों को उठाना पड़ा जो ऑफिस जाने के निकले और पेट्रोल के लिए पेट्रोल पंप पहुंचे और उन्हें पेट्रोल नहीं मिला। सिटी के करीब 150 पेट्रोल पंप बंद होने से पब्लिक अपने वाहनों को लेकर रेंगते हुए नजर आई। साथ ही पेट्रोल पंपों पर भीड़ भी दिखाई दी। वैसे दो बजे के सभी पेट्रोल पब्लिक के लिए ओपन कर दिए गए थे।

सभी व्यापारियों और एसोसिएशन की ओर से मिली मदद से स्मार्ट सिटी को लेकर बंद पूरी तरह से सफल रहा है। करीब 150 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है, जिससे सरकारी रेवेन्यू को भी बड़ा झटका है।

- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

मेरठ को स्मार्ट सिटी घोषित कराने में हमारी ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। इसमें प्रदेश सरकार का भी पूर्ण योगदान की जरुरत है, जो नहीं मिल रहा है।

- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

मेरठ और रायबरेली में कोई तुलना करना बेकार है। रायबरेली मेरठ के मुकाबले काफी छोटा शहर है। मेरठ प्रदेश को सबसे अधिक रेवेन्यू देता है। ऐसे में मेरठ स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल होना काफी जरूरी है।

- हरिकांत आहलूवालिया, मेयर