स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भारी पड़ी लापरवाही

एक भी यूरिनल में नहीं लगा पानी का कनेक्शन

कई लाख रुपये खर्च करने के बाद भी गंदगी में तब्दील हो गए शौचालय

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में सफलता के लिए नगर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च करके सार्वजनिक स्थानों पर यूरिनल तो बनवा दिए, लेकिन इन यूरिनल के रख रखाव में लापरवाही निगम को भारी पड़ गई। सार्वजनिक शौचालय और मूत्रालय की बदत्तर हालत ने शहर को स्वच्छता रैंकिंग में पछाड़ दिया, क्योंकि सालभर में निगम इनमें न तो पानी का कनेक्शन करा सका है और न ही साफ-सफाई की व्यवस्था इन यूरिनल में की गई है। इस कारण से स्वच्छता सर्वेक्षण के सर्वे में इन यूरिनल की माइनस माìकग निगम को झेलनी पड़ी थी।

दो करोड़ खर्च

निगम द्वारा शहर में 200 से अधिक स्थानों पर शौचालय और मूत्रालय बनवाए गए थे। जिन पर लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए हैं। इसके अलावा शहर में जगह जगह सार्वजनिक शौचालय भी बनवाए गए हैं। जिन पर भी लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन नगर निगम का निर्माण विभाग के अफसर यहां पानी के कनेक्शन कराना ही भूल गए। जिस कारण से शौचालय और यूरिनल बने एक साल से अधिक बीतने के बाद भी पानी की सुविधा उपलब्ध नही हो पाई है। यूरिनल में हर जगह गंदगी पसरी है, लेकिन निगम के अफसरों ने इस पर ध्यान नही दिया।

जर्जर हालत टूटे यूरिनल

शहर में जगह जगह बनाए गए टॉयलेट्स के बाहर नगर निगम के प्रचार के बोर्ड लगाकर स्वच्छता का संदेश देने का निगम द्वारा प्रयास किया गया था। लेकिन आज अधिकतर यूरिनल के बाहर लगे बोर्ड फट चुके है या टूट गए हैं। अंदर लगी यूरिन शीट तक टूट चुकी हैं पानी की टोंटी गायब हैं कुल मिलाकर साल भर में ही ये यूरिनल जर्जर हाल में हैं। पानी कनेक्शन और सफाई न होने के कारण दुर्गंध के चलते लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है।

यूरिनल की रखरखाव और साफ सफाई का जिम्मा उस क्षेत्र के सुपरवाइजर और संबंधित पार्षद को दिया गया था। यदि किसी प्रकार की कमी है तो पार्षद सूचित कर सकता है। लेकिन लापरवाही दोनो स्तर पर हुई थी सुपरवाइजर व सफाई कर्मचारियों ने भी अपनी डयूटी समय से नही की। लेकिन अब दोबारा गंभीरता से इस पर काम किया जाएगा।

डॉ। गजेंद्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी