- कल्पित आत्महत्या केस में बड़ा खुलासा
- डॉक्टरी रिपोर्ट में जहर देकर मारने की बात सामने आई
- पंखे से लटकने के कोई सबूत नहीं मिले
- 14 और आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
मेरठ: बीआईटी कल्पित आत्महत्या केस में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों की मानें तो डॉक्टरी रिपोर्ट में कल्पित को जहर देने की बात सामने आई है। जबकि उसके पंखे से लटकने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में घटनाक्रम ने यू-टर्न ले लिया है।
रिपोर्ट ने किया खुलासा
कल्पित आत्महत्या केस में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कल्पित के जहर खाने की बात सामने आई है। इतना ही नहीं कल्पित के पंखे से लटक कर खुदखुशी करने के भी कोई सबूत नहीं मिले हैं। इस खुलासे से कल्पित आत्महत्या केस पूरी तरह से पलट गया है।
तो कल्पित का हुआ मर्डर
अगर ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिले ये सबूत पक्के हुए, तो फिर इतना तय हो गया है कि कल्पित को जहर देकर मारा गया है। हत्यारों ने कल्पित के मर्डर को आत्महत्या में बदलने के लिए उसकी डेड बॉडी को पंखे से लटका दिया था। पुलिस ने भी इस एंगल पर काम करना शुरू कर दिया है।
आरोपियों की तलाश
पुलिस की गिरफ्त में भले ही अभी कई आरोपी आ गए हों, लेकिन अभी 14 आरोपियों की पुलिस को और तलाश है। इन आरोपियों के पकड़े जाने पर पूरे केस का सही खुलासा हो सकता है। एफआईआर में में नामजद 12 छात्रों को कॉलेज प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है। इनमें अंकित भड़ाना, विशाल, सचिन कुमार, दीपक उज्जवल, नितिन गोलियान, दीपक पंवार, सुमित कुमार, संदीप पंवार, अभिजीत शर्मा, चिंटू, प्रतीक चिकारा, नितिन चौधरी पर कार्रवाई की गई है। इन छात्रों के कॉलेज में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लग दिया गया है।
15 आरोपी की तलाश
पुलिस ने अभी मात्र 1 आरोपी की गिरफ्तारी की है। इसके बावजूद अभी भी 15 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, ऐसे में इन आरोपियों के पकड़ने जाने से पूरे मामले का सच सामने आ सकता है।
कल्पित के फादर खुद उसके साथ थे। वो पांच मिनट में उठकर गया, जब कल्पित नहीं आया तो उन्होंने दरवाजा तोड़ा था और उसकी बॉडी पंखे से लटकी हुई थी। जहर देने की बात सामने नहीं आई है।
- ओंकार सिंह, एसएसपी