- अलसुबह तार से गला दबाकर उतारा मौत के घाट

- वारदात को अंजाम देकर आरोपी खुद पहुंचा चौकी

- तीन घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस

Meerut: झूठी आन की खातिर भाई ने बहन की गला दबाकर हत्या कर दी और पुलिस चौकी में जाकर समर्पण कर दिया। यह घटना, लिसाड़ी गेट के श्यामनगर की है। कुम्हारो वाली गली में मोहम्मद यासीन का परिवार रहता है। यासीन की बेटी नाजिया (क्7) उर्फ नज्जो का इसी मोहल्ले के खान मोहम्मद से प्यार हो गया। दोनों एक दूसरे पर जान छिड़कने लगे।

क्9 मई को हुए थे फरार

प्रेमी युगल घर छोड़कर क्9 मई को भाग गए। इस बाबत नाजिया के परिजनों ने लिसाड़ी गेट थाने में शिकायत दर्ज करायी थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों ने खुद ही खोजबीन की। तीन दिन पहले नाजिया को समर-गार्डन कालोनी के एक मकान से बरामद कर लिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बुजुर्गो के बीच बैठक हुई। लेकिन कोई सहमति नहीं बनी।

तार से गला घोंटकर की हत्या

रविवार देर रात नाजिया घर से दोबारा बाहर निकल गई और अपने प्रेमी के घर पहुंच गई। अलसुबह करीब ब्.फ्0 बजे परिजनों को इस बात की भनक लग गई। नाजिया का भाई यामीन उसे खोजता हुआ खान मोहम्मद के घर पहुंच गया और वहीं पकड़ लिया। यामीन नाजिया को घसीटते हुए घर से बाहर ले आया। नाजिया ने विरोध किया और हाथापाई कर दी। इस पर गुस्साए यामीन ने घर के बाहर पड़े तार से नाजिया का गला घोंट दिया। नाजिया की मौत हो गई। यामीन ने लाश वहीं सड़क पर छोड़ दी और सुबह करीब पांच बजे पिल्लोखड़ी पुलिस चौकी पहुंच गया। यामीन ने पुलिस को कत्ल की जानकारी दी। नाजिया का शव परिजन उठाकर में ले गए।

पुलिस बनी मूकदर्शक

पुलिस की लापरवाही देखने वाली रही। आरोपी ने कत्ल की सूचना खुद ही पुलिस को सुबह पांच बजे दी, लेकिन सुबह करीब आठ बजे चौकी पुलिस मौके पर पहुंची। तर्क दिया कि महिला पुलिसकर्मी के आने के बाद ही शव उठाया जा सकता है। पुलिस ने यामीन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

बहुत समझाया पर नहीं मानी

पुलिस हिरासत में यामीन ने बातचीत के दौरान कहा कि नाजिया को बहुत समझाने का प्रयास किया गया था। बिरादरी में परिवार के सम्मान का वास्ता दिया, लेकिन नाजिया नहीं मानी। नाजिया के पिता यासीन का आरोप है कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो यह सब नहीं होता।

हत्यारोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस देरी से क्यों गई, इस बारे में भी पता किया जाएगा।

-डीसी दूबे, एसएसपी मेरठ।