रोजाना दो दर्जन
सिटी में मोबाइल चोरी की घटनाएं आम हैं। चेन स्नेचिंग के मामले तो हाई लाइट हो जाते हैं, लेकिन मोबाइल चोरी वहीं दब कर रह जाती है। इस घटना को क्राइम की प्रायोरिटी लिस्ट में सबसे निचले दर्जे का समझा जाता है। पुलिस सूत्रों की मानें तो पूरी सिटी में दो दर्जन से अधिक मोबाइल चोरी होते हैं, जिनमें से 60 फीसदी मोबाइल लग्जरी होते हैं। चोरों की पहली पसंद लग्जरी मोबाइल ही होते हैं। क्योंकि मार्केट में कीमती मोबाइल के सेकेंड हैैंड कीमत 45 फीसदी तक मिल जाती है।
न के बराबर एफआईआर
मोबाइल चोरी के मामलों में पुलिस जल्द एफआईआर दर्ज नहीं करती। और लोग भी थाने जाने से कतराते हैं। आंकड़ों की बात करें तो कुल मामलों में 99 फीसदी पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। यहां तक की पक्की एफआईआर भी दर्ज नहीं की जाती। महंगे मोबाइल की चोरी के केस में भी बड़ी मुश्किल से एफआईआर दर्ज की जाती है। यहां तक की मोबाइल को सर्विलांस पर लगाने की एप्लीकेशन भी फाइलों में दब कर रह जाती है। हर रोज 10 से ज्यादा एप्लीकेशन सर्विलांस डिपार्टमेंट के पास पहुंचती हैं।
सिर्फ वीवीआईपी
मोबाइल चोरी के मामलों में आम पब्लिक के लिए कोई सुविधा नहीं है। केवल वीवीआईपी लोगों और मजबूत सिफारिशी लोगों के गायब हुए मोबाइल को ही खोजा जाता है। यहां तक की सर्विलांस डिपार्टमेंट में भी उन मामलों में ही कार्रवाई होती है, जिनमें पॉलिटिकल या डिपार्टमेंट का प्रेशर होता है। इसके अलावा जो लोग अपने मोबाइल को सर्विलांस पर लगवाने के लिए विभाग की मु_ी गर्म कर देते हैं, उनकी खोज में तत्परता दिखाई जाती है।
चोरी की शिकायत गुमशुदगी में
मोबाइल चोरी होने के बाद जब पीडि़त थाने जाता है उससे चोरी की घटना को खोने में लिखा जाता है। जब पीडि़त को यकीन हो जाता है कि कार्रवाई नहीं होगी तो वो एप्लीकेशन की फोटो कॉपी लगाकर मोबाइल नेटवर्क कंपनी से नई सिम ले लेता है। अब तहरीर इसीलिए दी जाती है कि डुप्लीकेट मोबाइल सिम लिया जा सके।
12 करोड़ का व्यापार
मेरठ में 12 करोड़ रुपए प्रति माह का मोबाइल बिजनेस है। आबूलेन स्थित सरदार मोबाइल शॉप के मालिक राजबीर सिंह ने बताया कि मोबाइल के वर्जन रोजाना अपडेट हो रहे हैं। स्मार्ट फोन्स, एप्पल के आए दिन नए वर्जन आते है। एंड्रॉयड आने से यूथ में हर महीने मोबाइल चेंज करने का ट्रेंड बढ़ गया है।
ऐसे बचाएं अपना मोबाइल
मोबाइल चोरी होने पर पुलिस के भरोसे न रहें। अगर आप थोड़े से भी अप-टू-डेट हैं तो आप मोबाइल को चोरी होने से रोक सकते हैं या दोबारा वापस प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपके फोन में मोबाइल ट्रैकर है तो उसे हमेशा ऑन रखिए।
मेल पर मिलेगी जानकारी  
मार्केट में काफी सिक्योरिटी सिस्टम है जो आपके मोबाइल को ही नहीं बचाते हैं बल्कि आपका डाटा भी सेफ रखते हैं। मैकफे सेक्योरिटी प्लस, आई क्लाउड, नेट क्वीन और एफ सेक्योर कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर्स के नाम हैं जो आपके मोबाइल के रक्षक हैं। इन सॉफ्टवेयर्स पर अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी रजिस्टर करानी होती है। जैसे ही आपके मोबाइल में दूसरा सिम डाला जाएगा, ये सॉफ्टवेयर आपको नए सिम का नंबर और लोकेशन ईमेल कर देगा।
चोरों के फेवरेट स्पॉट
- मॉल
- मार्केट
- शॉपिंग कांप्लेक्स
- रेलवे स्टेशन
- बस और बस स्टेशन
- फेयर, प्रदर्शनी या मेला

 

Story By - SAURABH SHARMA