नियम से बन रहे हैं गेट

पश्चिम यूपी सब एरिया हेडक्वार्टर के जीओसी मेजर जनरल वीके यादव चीफ सेकेट्री को भेजे लेटर में साफ कर दिया है कि वो जो भी दीवार और गेट लगा रहे हैं वो अपनी मर्जी नहीं बल्कि अपने उच्चाधिकारियों के ऑर्डर से लगा रहे हैं। कैंट की सुरक्षा को लेकर ये पूरी व्यवस्था की जा रही है। न कि पब्लिक को परेशान करने के लिए। ये पूरा काम नियम और कानूनों के तहत हो रहा है।

दिए हैं सारे सबूत

चीफ सेकेट्री को जीओसी ने अपने लेटर साथ वो तमाम सबूत भेजे हैं, जिनमें साफ है कि सुरक्षा के प्लान को बताने के लिए डीएम और एसएसपी को कब-कब बुलाया था। वो दोनों किस मीटिंग में आए थे और किस मीटिंग में नहीं? उन्होंने अपने लेटर में 10 जनवरी के घटनाक्रम का पूरा जिक्र किया है।

नहीं रुकेगा काम

जीओसी ने स्पष्ट कर दिया है कि गेटों और दीवारों का काम यूं ही जारी रहेगा। आर्मी अपना काम नहीं रोकेगी। कुछ लोगों के निजी हित के लिए मेरठ ही नहीं आसपास के इलाकों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। हमारा मकसद जनता को परेशान करना नहीं है। हमने उन्हें अल्टरनेट रास्ते दिए हैं। ऐसे में किसी भी विवाद का सवाल ही नहीं उठता है।

'मैंने अपना जवाब चीफ सेकेट्री को भेज दिया है। मैं अब इस मामले में और कुछ नहीं बोलूंगा। जो मुझे ऑर्डर मिले हैं मैं अपना उन पर वर्क करूंगा। दीवार और गेट लगाने का जारी रहेगा। सिक्योरिटी मेरे लिए मस्ट है। क्यों ये एक मेरठ की नहीं पूरे वेस्ट यूपी की सिक्योरिटी का सवाल है.'

- मेजर जनरल वीके यादव, जीओसी, पश्चिम यूपी सब एरिया हेडक्वार्टर

यूबी एरिया को भी दी जाएगी जानकारी

उत्तर भारत एरिया लेफ्टिनेंट जनरल एसके नैय्यर संडे को जीओसी मेरठ पहुंच रहे हैं। वो ऐसे मौके पर मेरठ आ रहे हैं जब गेट और दीवारों को लेकर प्रशासन और सेना आमने सामने आ गई है। ऐसे में हेडक्वार्टर के अधिकारी बाकी इनपुट देने के अलावा इस इंसीडेंट की भी पूरी जानकारी देंगे।

तो वापस ले लो अपना गनर

प्रशासन और कैंट बोर्ड के अधिकारियों के बीच बयानबाजी और लेटरबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को जो डीएम ने सीईओ गनर देने का दम भरा था उसके जवाब में सीईओ ने डीएम से गनर वापस लेने की बात कह दी है। अब इंतजार है कि डीएम की ओर से इसका जवाब कैसे किस तरह से आता है। बताते चले कि प्रशासन की ओर से कैंट बोर्ड के सीईओ गनर की व्यवस्था करीब एक महीना पहले दी थी।

नहीं है खतरा तो

कैंट बोर्ड के सीईओ डॉ। डीएन यादव ने डीएम के गनर देने के वक्तव्य पर लेटर में अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए साफ कर दिया है कि अगर डीएम को लगता है कि जो भी मैंने अवैध निर्माण गिराए हैं। उसके बाद मुझे गनर की कोई आवश्यता नहीं है। साथ ही डीएम ने मुझे रौब दिखाने या दूसरों को डराने के लिए गनर दिया है तो डीएम अपना गनर खुशी से वापस ले सकते हैं। मुझे कोई परेशानी नहीं होगी।

'मैंने अपना पक्ष गनर वाले बयान पर डीएम को लिखित में दे दिया है। मैंने साफ कह दिया है कि अगर उन्होंने मुझे रौब दिखाने और दूसरों को डराने के लिए गनर दिया है तो वापस लें ले.'

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड